सीएम धामी करेंगे सिलक्यारा सुरंग के निकट नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा

 सीएम धामी करेंगे सिलक्यारा सुरंग के निकट नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा

सीएम धामी आज करेंगे सिलक्यारा सुंरग के निकट नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा

उत्तरकाशी, 16 अप्रैल।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज एक ऐतिहासिक और भावनात्मक क्षण का साक्षी बनने जा रहे हैं। वह उत्तरकाशी जिले के प्रसिद्ध सिलक्यारा सुरंग के निकट नवनिर्मित बाबा बौखनाग मंदिर में दोपहर 12 बजे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे और विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे। इस अवसर पर वह उसी स्थान पर आयोजित एक विशेष समारोह में भाग लेंगे, जहाँ वर्ष 2023 में सुरंग निर्माण के दौरान 41 मजदूरों का अभूतपूर्व रेस्क्यू ऑपरेशन सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया था।

बाबा बौखनाग मंदिर का संकल्प: संकट में जन्मा आस्था का केंद्र

पिछले वर्ष जब सिलक्यारा सुरंग दुर्घटना में मजदूर फंसे थे, तब मुख्यमंत्री धामी लगातार घटनास्थल पर डटे रहे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में दिन-रात चलाए गए रेस्क्यू अभियान की सफलता के लिए बाबा बौखनाग से आशीर्वाद मांगा था। सीएम धामी ने उस समय संकल्प लिया था कि संकट के निवारण के उपरांत बाबा बौखनाग के मंदिर का निर्माण कराएंगे, और आज उसी संकल्प की पूर्णता का शुभ अवसर है।

चारधाम यात्रा को मिलेगा लाभ, दूरी होगी कम

लगभग ₹853 करोड़ की लागत से बन रही यह 4.531 किलोमीटर लंबी दो-लेन सुरंग, उत्तराखंड की जीवनरेखा बनकर उभर रही है। यह सुरंग गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे चारधाम मार्गों के बीच की दूरी को 26 किलोमीटर तक कम कर देगी। इससे तीर्थयात्रियों की यात्रा और भी सुगम, सुरक्षित और समयबद्ध होगी। विशेषकर आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं की दृष्टि से भी यह टनल अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

ब्रेकथ्रू स्थल पर आयोजित होगा कार्यक्रम

सीएम धामी सुरंग निर्माण के ब्रेकथ्रू पॉइंट पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में भी शामिल होंगे, जहाँ रेस्क्यू मिशन की सफलता की याद में शिलालेख का अनावरण और श्रमिकों को सम्मानित किए जाने की संभावना है।

सुरंग हादसा और रेस्क्यू: मानव संकल्प की जीत

नवंबर 2023 में जब सुरंग निर्माण के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ और 41 श्रमिक 17 दिनों तक सुरंग में फंसे रहे, तब मुख्यमंत्री धामी ने न केवल ज़मीन पर डटे रहकर राहत कार्यों की निगरानी की, बल्कि देश भर में मानवता और संकल्प की मिसाल पेश की। इस जटिल ऑपरेशन को केंद्र और राज्य सरकार की एकजुटता तथा विशेषज्ञों की अथक मेहनत ने संभव बनाया।

बाबा बौखनाग मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह उत्तराखंड की आस्था, संकटमोचन परंपरा और शासन की संवेदनशीलता का प्रतीक बन गया है। यह दिन इतिहास के पन्नों में उस श्रद्धा, संघर्ष और सफलता के रूप में दर्ज होगा, जिसमें आस्था, प्रशासन और प्रौद्योगिकी का अद्भुत संगम दिखाई देता है।