भारत-इटली संबंधों में नया आयाम: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से इटली के उप प्रधानमंत्री की शिष्टाचार भेंट

इटली के उप प्रधानमंत्री ने महामहिम राष्ट्रपति से मुलाकात की
नई दिल्ली – भारत और इटली के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान करते हुए, इटली के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री महामहिम श्री एंटोनियो तजानी ने राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच बहुपक्षीय सहयोग, व्यापार, प्रौद्योगिकी और शिक्षा जैसे विविध क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श हुआ।
🌍 प्राचीन सभ्यताएं, आधुनिक सहयोग
महामहिम राष्ट्रपति ने श्री तजानी और उनके प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि भारत और इटली दोनों ही प्राचीन सभ्यताओं की गौरवशाली धरोहरों के उत्तराधिकारी हैं, जिन्होंने दर्शन, साहित्य और कला के माध्यम से विश्व को अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि व्यापार, संस्कृति और विचारों के आदान-प्रदान ने दोनों देशों को सदियों से जोड़ रखा है, और आज यह संबंध आधुनिक नवाचारों और वैश्विक सहयोग की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है।
📈 व्यापार और निवेश के नए क्षितिज
राष्ट्रपति ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को और सुदृढ़ करने की असीम संभावनाएं उजागर कीं। उन्होंने कहा कि भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि और ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना विदेशी साझेदारों के लिए अनेक अवसरों का द्वार खोलती है। विशेष रूप से उन्होंने विनिर्माण और सह-उत्पादन के क्षेत्र में इतालवी कंपनियों को भारत में निवेश और संचालन का आमंत्रण दिया।
साथ ही, राष्ट्रपति ने हरित प्रौद्योगिकी में इटली की दक्षता का उल्लेख करते हुए आग्रह किया कि इतालवी हरित प्रौद्योगिकी कंपनियां भारतीय उद्योग जगत के साथ साझेदारी की संभावनाएं तलाशें।
📜 संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना: भविष्य की दिशा
महामहिम राष्ट्रपति ने स्मरण कराया कि नवंबर 2024 में रियो डी जनेरियो में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री सुश्री जॉर्जिया मेलोनी की बैठक के दौरान घोषित संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना दोनों देशों के बीच सहयोग का एक सशक्त मार्गदर्शक दस्तावेज़ है। यह कार्य योजना अगले 5 वर्षों में साझा प्रयासों को समन्वित और गतिशील बनाएगी।
🎓 शिक्षा और अनुसंधान में सहयोग का विस्तार
राष्ट्रपति ने शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी भारत-इटली सहयोग को प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह जानकर प्रसन्नता जताई कि इतालवी विश्वविद्यालय और शोध संस्थान भारतीय भागीदारों के साथ सहयोग की संभावनाएं तलाश रहे हैं। नई शिक्षा नीति के तहत विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर खोलने की सुविधा का उल्लेख करते हुए उन्होंने इतालवी विश्वविद्यालयों को भारत में अकादमिक उपस्थिति बढ़ाने के लिए आमंत्रित किया।
🤝 भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी: नई ऊंचाइयों की ओर
बैठक के अंत में दोनों नेताओं ने आने वाले वर्षों में भारत और इटली के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के संकल्प को दोहराया। यह मुलाकात न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देती है, बल्कि वैश्विक मंचों पर भारत-इटली की साझा भूमिका को और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
📌 मुख्य बिंदु संक्षेप में:
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✅ इटली के उप प्रधानमंत्री श्री एंटोनियो तजानी की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से भेंट
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✅ भारत-इटली के प्राचीन संबंधों और आधुनिक सहयोग की चर्चा
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✅ व्यापार, निवेश, हरित प्रौद्योगिकी, शिक्षा व रक्षा में सहयोग की संभावनाएं
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✅ ‘विकसित भारत 2047’ के तहत विदेशी भागीदारी का आह्वान
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✅ शिक्षा नीति के अंतर्गत इतालवी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने का निमंत्रण