रोज वैली पोंजी घोटाले के लाखों पीड़ितों को मिल रही राहत

 रोज वैली पोंजी घोटाले के लाखों पीड़ितों को मिल रही राहत

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने आज रोज वैली पोंजी घोटाले में वैध निवेशकों को उनकी संपत्तियां लौटाने के उद्देश्य से गठित परिसंपत्ति निपटान समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डी.के. सेठ (सेवानिवृत्त) को 515.31 करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट सौंपा।

नई दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ और गरीबों को न्याय दिलाने की प्रतिबद्धता का एक और ऐतिहासिक उदाहरण सामने आया है। रोज वैली पोंजी घोटाले में ठगे गए लाखों निर्दोष निवेशकों को अब उनकी मेहनत की कमाई वापस मिल रही है।

💰 515.31 करोड़ रुपये सौंपे गए – जनता को न्याय दिलाने की दिशा में बड़ा कदम

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने 11 अप्रैल 2025 को संपत्ति निपटान समिति (एडीसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डी.के. सेठ (सेवानिवृत्त) को 515.31 करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट सौंपा। इस राशि से लगभग 7.5 लाख पीड़ित निवेशकों को राहत मिलने की उम्मीद है। इससे पहले 22 करोड़ रुपये के वितरण से 32,319 वैध निवेशकों को भुगतान किया गया था।

इस अवसर पर ईडी निदेशक श्री राहुल नवीन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। यह कार्यवाही प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गरीबों की लूट को वापस दिलाने की दृढ़ इच्छाशक्ति का सीधा प्रमाण है।


🔍 ईडी की सबसे बड़ी और निर्णायक जांच: भ्रष्ट तंत्र को दी कड़ी चुनौती

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2015-17 के दौरान वित्तीय लेनदेन की विस्तृत जांच कर 2,987 बैंक खातों का पता लगाकर 515.31 करोड़ रुपये की राशि जब्त की। यह धन निर्दोष जनता से ठगे गए पैसे का हिस्सा था। इन खातों को 700 से अधिक सावधि जमा (FD) में बदला गया और विशेष अदालत के आदेश के बाद इसे पीड़ितों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू हुई।

ईडी ने अब तक 1,172 करोड़ रुपये की अन्य चल और अचल संपत्तियां भी जब्त की हैं, जिनका वर्तमान बाजार मूल्य 2,000 करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है। यह संपत्तियां भी जल्द ही परिसमापन प्रक्रिया से गुजरकर पीड़ितों को वापस की जाएंगी।


🧑‍⚖️ न्यायपालिका और सरकार का साझा संकल्प: गरीबों को न्याय

कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित संपत्ति निपटान समिति (ADC) की अध्यक्षता न्यायमूर्ति दिलीप कुमार सेठ (सेवानिवृत्त) कर रहे हैं। यह समिति ईडी, केंद्र सरकार और न्यायपालिका के तालमेल से यह सुनिश्चित कर रही है कि ठगी के शिकार लाखों पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिले।

ईडी की तकनीकी सहायता से अब तक लगभग 31 लाख निवेशकों ने www.rosevalleyadc.com वेबसाइट पर अपना दावा दर्ज किया है। आने वाले महीनों में दावों के सत्यापन और वितरण की प्रक्रिया और तेज़ होगी।


“लूटा गया धन वापस जनता को” – प्रधानमंत्री मोदी की नीति साकार

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार इस बात पर बल दिया है कि “पोंजी घोटालों के माध्यम से गरीबों से छीना गया एक-एक पैसा उन्हें वापस मिलना चाहिए।” रोज वैली पोंजी घोटाले में हो रहा यह पुनर्भुगतान इस वचन का जीवंत उदाहरण है।

प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हर नागरिक के साथ न्याय करे, विशेष रूप से उस आम आदमी के साथ, जो भरोसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई को इन घोटालों में गंवा बैठा


🧾 सरकार की पारदर्शिता और सक्रियता बनी उदाहरण

केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री ने संसद में यह स्पष्ट किया है कि सरकार ईडी द्वारा जब्त की गई संपत्तियों को पीड़ितों को लौटाने के लिए कृतसंकल्प है। यह केवल कानून का पालन नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा के प्रति प्रतिबद्धता है।


 न्याय, पारदर्शिता और भरोसा

रोज वैली पोंजी घोटाले में मोदी सरकार ने जो कार्रवाई की है, वह एक मजबूत और संवेदनशील सरकार की पहचान है। यह केवल एक घोटाले की जांच नहीं, बल्कि देश के आम नागरिकों के विश्वास की पुनर्स्थापना है।

भारत अब उन दिनों से काफी दूर निकल चुका है जब घोटाले दबा दिए जाते थे। आज का भारत पीड़ितों को राहत देने, भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के रास्ते पर मजबूती से चल रहा है।