दिल्ली में राजनीतिक पार्टियों को चुनौती – उत्तराखंड महापंचायत को 5 विधायक टिकट नहीं तो निर्दलीय जीतेंगे उत्तराखंडी उम्मीदवार

उत्तरांचल भ्रात्रि सेवा संस्थान दिल्ली लाखों उत्तराखंडी को 6 साल अपनी महान मानवीय अग्रणी सेवा निगम बोध घाट दिल्ली, हिंडन घाट गाज़ियाबाद की मानवीय दशा सुधारने के बाद उत्तराखंड समाज की दिल्ली-एनसीआर में समाजिक दशा में उत्तराखंड की राजनैतिक भागीदारी के लिए उत्तराखंड महापंचायत का गठन कर पहला अधिवेशन रविवार 7 जनवरी 2024 को अनेकों संस्थाओं के पदाधिकारी ,वरिष्ठ, प्रबुद्ध, प्रतिष्ठित, उत्तराखंड आन्दोलनकारी महानुभावों की अल्मोड़ा भवन साऊथ एक्स, दिल्ली, में उत्तराखंड स्वाभिमान हेतु गौरवमयी उपस्थिति रही जिसमें उत्तराखंड महापंचायत में आये सभी महानुभावों ने दिल्ली-एनसीआर में उत्तराखंड समाज की दयनीय समाजिक दशा व राजनीति भागीदारी पर जोर शोर विरोध किया गया। दिल्ली में आज तक उत्तराखंड समाज को राजनैतिक बोट बैंक में पार्टीवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, में फुट करो – राज करो तक रखा गया है कभी समाजिक मानवीय दशा सुधार में कोई आगे नहीं था। आज दिल्ली में लाखों उत्तराखंडी बोटर है, जिसमें बुराड़ी, बिनोद नगर, भजन पुरा, मोहन गार्डन पालम, बदरपुर , संगम बिहार , गाजियाबाद, फरीदाबाद ,जैसे पौश एरिया में 60% बोटर उत्तराखंडी अपने है लेकिन उत्तराखंडी समाज को अनदेखा किया जा रहा है
उत्तराखंड महापंचायत अधिवेशन में समाज सेवी प्रमुख हरदा उत्तरांचली, उमेद शाह, कुंदन सिंह रावत, हरि सिंह रजवाड़ बसंत काण्डपाल जी,आर के सकलानी, हीरू विष्ट, नारायण मोलेखी, हेमंत रावत, देवब्रत चौहान, नरेंद्र मास्टर, प्रताप शाही, दिनेश जोशी, शिव सिंह, हरि सिंह, दिनेश विष्ट, कैलाश चौहान, प्रहलाद गुसाई अजय विष्ट, बिशन हरियाला गायक, झुगर सिंह, कमलेश बहुगुणा, हिमांशु लखेड़ा, गोपाल मेहता, हर्ष रावत, पुरन सिंह, अजय रावत, कनियाल जी, मोहन गुसाईं, खड़क सिंह, नरेश देवरानी, तारा मासीवाल प्रेम उपाध्याय, नवीन जोशी हेमन्त बलोधी, भैरव गिरि, नन्द किशोर, चंदन सिंह।
श्याम अधिकारी, खीम सिंह। हरिश, सुधीर राणा, मनोज धपोला, गणेश भट्ट, चन्द शेखर, गिरीश जी आदि संस्थाओ के मुख्य पदाधिकारी समाजसेवी एवं वरिष्ठ जनों, मित्र बन्धुओं की गरिमामामयी उपस्थिति रही।
सेवा प्रमुख हरदा उत्तरांचली , उत्तराखंड महापंचायत में आये सभी देवतुल्य महानुभावों ने देवभूमि की प्रतिज्ञा ली व कसम खाई और साथ में सभी उत्तराखंडीयो को उत्तराखंड समाज की समाजिक व राजनीतिक दशा देवभूमि अस्मिता को बचाने के लिए करूणामय निवेदन/अपील कर एकजुट होकर उत्तराखंड स्वाभिमान व अपने हकों के लिए उत्तराखंड महापंचायत को मजबूत व राजनीतिक नेतृत्व में भागीदारी के लिए दिल्ली-एनसीआर के हर कालोनियों में एवं सभी उत्तराखंडी संस्थाओं में उत्तराखंड स्वाभिमान का अभियान चला कर उत्तराखंड देवभूमि की ताकत को पहचान बनाने में आगे आने को कहा।