साल के आखिरी दिन हरे निशान पर खुला शेयर बाजार, US डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर
मुंबई। आज 31 दिसम्बर साल के अंतिम दिन शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी के बावजूद डॉलर के मुकाबले रुपया 89.90 के स्तर पर फिसला है। सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त है, लेकिन FPI की ओर से 16.5 अरब डॉलर की निकासी ने बाजार की चिंता बढ़ा दी है।
शेयर बाजार में पिछले कई दिनों से जारी गिरावट का सिलसिला बुधवार को थम गया। साल 2025 के अंतिम कारोबारी दिन के शुरुआती सत्र में बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी बढ़त के साथ कारोबार करते देखे गए। घरेलू संस्थागत निवेशकों की ओर से निरंतर हो रही खरीदारी ने बाजार को सहारा दिया है, जिससे निवेशकों की धारणा में सकारात्मक बदलाव आया है।
प्रमुख सूचकांकों का हाल?
सेंसेक्स पिछले पांच दिनों की गिरावट के बाद शुरुआती कारोबार में 254.38 अंक चढ़कर 84,929.46 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 भी चार दिनों की लगातार गिरावट के बाद 89.15 अंकों की बढ़त के साथ 26,028 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया। बाजार के जानकारों का मानना है कि यह रिकवरी मुख्य रूप से स्थानीय निवेशकों के भरोसे और साल के अंत में पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग के कारण देखी जा रही है।
ये शेयर आगे, ये हुए पीछे?
सेंसेक्स की 30 प्रमुख कंपनियों में से टाटा स्टील, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, टाइटन, एक्सिस बैंक, अदाणी पोर्ट्स और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की गई। इन शेयरों में खरीदारी के चलते बाजार को शुरुआती बढ़त बनाए रखने में मदद मिली।
इसके विपरीत, कुछ प्रमुख कंपनियों पर दबाव भी देखा गया। बजाज फिनसर्व, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, महिंद्रा एंड महिंद्रा और इंफोसिस जैसी दिग्गज कंपनियां गिरावट के साथ ‘लैगार्ड्स’ (पिछड़ने वाले शेयरों) की सूची में शामिल रहीं। आईटी और ऑटो सेक्टर के कुछ शेयरों में मुनाफावसूली का असर शुरुआती सत्र में स्पष्ट दिखा।
संस्थागत निवेशकों का क्या रुख है?
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) का रुख अभी भी बिकवाली का बना हुआ है। मंगलवार को विदेशी निवेशकों ने 3,844.02 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 6,159.81 करोड़ रुपये की बड़ी खरीदारी करके बाजार को टूटने से बचा लिया और इस रिकवरी की नींव रखी।
