सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड दे रहा बेहतर निवेश, आरबीआई ने की अंतिम मूल्य की घोषणा
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- November 28, 2025
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2017-18 में सीरीज-10 के लिए जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) को भुनाने के लिए अंतिम मूल्य की घोषणा कर दी है। इसे 27 नवंबर से कभी भी भुनाया जा सकता है। 20 नवंबर, 2017 से 22 नवंबर, 2017 तक खुले इस बॉन्ड में किसी ने अगर एक लाख रुपये का निवेश किया होगा तो वह रकम अब 4.29 लाख हो गई है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता अवधि 8 साल की होती है। हालांकि, इसे 5 साल बाद भी भुनाया जा सकता है। 2017-18 की सीरीज-10 के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रति यूनिट मूल्य 12,484 रुपये तय किया गया है। यह तीन कार्यदिवसों अर्थात 24 नवंबर, 25 और 26 नवंबर, 2025 के लिए सोने के औसत बंद भाव पर आधारित है। 2017 में जारी होने के समय बिना छूट के प्रति यूनिट भाव 2,964 रुपये तय किया गया था।
50 रुपये का मिला था डिस्काउंट
2017 में इस बॉन्ड में ऑनलाइन निवेश करने पर 50 रुपये की प्रति यूनिट छूट मिली थी। इस तरह से इसका भाव 2,914 रुपये हो गया था। यानी 328 फीसदी का फायदा मिला। इसे ऐसे समझ सकते हैं। 12,484-2,914 = 9,570 रुपये (ब्याज को छोड़कर)। प्रतिशत के लिहाज से यह 9,934 ÷ 2,914 × 100 = 328.41% है। बॉन्ड धारकों को 2.5% वार्षिक ब्याज मिला है।
एसजीबी क्या है?
एसजीबी सरकारी प्रतिभूतियां हैं, जिनका मूल्य ग्राम सोने में होता है। ये आरबीआई द्वारा जारी किए गए अनिवार्य प्रमाणपत्र हैं। इससे व्यक्ति अपनी भौतिक संपत्ति की रक्षा की चिंता किए बिना सोने में निवेश कर सकते हैं।
एसजीबी से संबंधित कुछ खास बातें
जानें कैसे ले सकते हैं एसजीबी की इसकी सदस्यता?
चूँकि ये बॉन्ड आरबीआई द्वारा भारत सरकार के शेयरों के अंतर्गत जारी किए जाते हैं, इसलिए सदस्यता के लिए एक विशेष समय-सीमा पहले से निर्धारित होती है, जिसके दौरान निवेशकों के नाम पर किस्तों में एक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना जारी की जाती है। आमतौर पर, आरबीआई हर 2-3 महीने में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके नए सॉवरेन बॉन्ड जारी करने की घोषणा करता है, जिसमें एक सप्ताह का समय होता है जिसके दौरान लोग इस योजना की सदस्यता ले सकते हैं।
50 रुपये का मिला था डिस्काउंट
2017 में इस बॉन्ड में ऑनलाइन निवेश करने पर 50 रुपये की प्रति यूनिट छूट मिली थी। इस तरह से इसका भाव 2,914 रुपये हो गया था। यानी 328 फीसदी का फायदा मिला। इसे ऐसे समझ सकते हैं। 12,484-2,914 = 9,570 रुपये (ब्याज को छोड़कर)। प्रतिशत के लिहाज से यह 9,934 ÷ 2,914 × 100 = 328.41% है। बॉन्ड धारकों को 2.5% वार्षिक ब्याज मिला है।
एसजीबी क्या है?
एसजीबी सरकारी प्रतिभूतियां हैं, जिनका मूल्य ग्राम सोने में होता है। ये आरबीआई द्वारा जारी किए गए अनिवार्य प्रमाणपत्र हैं। इससे व्यक्ति अपनी भौतिक संपत्ति की रक्षा की चिंता किए बिना सोने में निवेश कर सकते हैं।
एसजीबी से संबंधित कुछ खास बातें
जानें कैसे ले सकते हैं एसजीबी की इसकी सदस्यता?
चूँकि ये बॉन्ड आरबीआई द्वारा भारत सरकार के शेयरों के अंतर्गत जारी किए जाते हैं, इसलिए सदस्यता के लिए एक विशेष समय-सीमा पहले से निर्धारित होती है, जिसके दौरान निवेशकों के नाम पर किस्तों में एक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना जारी की जाती है। आमतौर पर, आरबीआई हर 2-3 महीने में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके नए सॉवरेन बॉन्ड जारी करने की घोषणा करता है, जिसमें एक सप्ताह का समय होता है जिसके दौरान लोग इस योजना की सदस्यता ले सकते हैं।
