50 लाख के लिए पुतले का अंतिम संस्कार, पैर देखकर हिल गया डोम
- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय
Political Trust
- November 28, 2025
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हापुड। यूपी के ब्रजघाट स्थित श्मशानघाट में लोगों के उस समय होश उड़ गए, जब दो युवक यहां एक 18 वर्षीय युवक का शव बताकर एक प्लास्टिक की डमी का अंतिम संस्कार करने का प्रयास कर रहे थे। कार से डमी लेकर इन युवकों को लोगों की शिकायत पर पुलिस ने दबोच लिया।
मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना चाहते शातिर
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नौकर के 50 लाख की बीमा राशि हड़पने के लिए शातिर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए डमी का अंतिम संस्कार करने के लिए यहां लाए थे। लेकिन नगर पालिका के कर्मचारियों और लोगों के शक के कारण पूरा मामला खुल गया। अब पुलिस घटना के मास्टरमाइंड कपड़ा व्यापारी व उसके साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही है।
आग लगाने की तैयारी कर चुके थे शातिर
दोपहर करीब एक बजे दिल्ली के कैलाशपुरी कॉलोनी निवासी कमल सोमानी और उसका साथी आशीष खुराना निवासी जैन कॉलोनी, उत्तम नगर दिल्ली कार में एक शव का अंतिम संस्कार करने के लिए ब्रजघाट स्थित श्मशानघाट लेकर पहुंचे थे। दोनों युवकों ने अंतिम संस्कार के लिए टाल से लकड़ी व अन्य सामग्री खरीद कर चिता तैयार की और कार से शव को निकालकर उस पर रख लिया। ये लोग शव में आग लगाने की तैयारी कर ही रहे थे कि तभी नगर पालिका का कर्मचारी मौके पर पहुंच गया। नियमानुसार मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए नगर पालिका के कर्मचारी द्वारा मृतक का नाम पता दर्ज किया जाता है।
श्मशान घाट पर कार्यरत पालिका कर्मी नितिन चिता के पास पहुंचा और कमल व उसके साथी से मृतक का नाम पूछा। दोनों ने बताया कि मृतक का नाम अंशुल है, जो दिल्ली के करोल बाग क्षेत्र निवासी थे। जिनकी दिल्ली के अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लाया गया है। शव के साथ कम लोगों को देखकर पालिका कर्मी को कुछ शक हुआ, तो उसने मृतक का चेहरा देखने के लिए कहा। लेकिन कमल और आशीष आनाकानी करने लगे। इसी बीच नितिन ने कफन हटाकर पैर देखे, तो चिता पर शव की जगह डमी दिखाई दी। जिसके बाद उसने आसपास मौजूद अन्य लोगों को भी बुला लिया और चेहरा खोलते ही सब अचरज में पड़ गए। युवकों ने चिता पर डमी रखी हुई थी। इसके बाद मामले की सूचना लोगों ने पुलिस को दी।
अस्पताल पर लगाया डमी देने का आरोप
श्मशान घाट पर हंगामे के दौरान कमल ने बताया कि अस्पताल में मौत होने के बाद वह लोग शव यहां लेकर आए हैं। उसने लोगों को गुमराह करने के लिए अस्पताल प्रबंधन पर शव की जगह डमी देने का आरोप लगाया। लेकिन आरोपियों को यह बहाना अधिक देर तक नहीं चला। सूचना मिलते ही ब्रजघाट चौकी पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिसकर्मी दोनों युवकों को हिरासत में लेकर चौकी ले आया और कोतवाली प्रभारी को मामले की जानकारी दी। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने पूरा षडयंत्र खोलकर रख दिया।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नौकर के 50 लाख की बीमा राशि हड़पने के लिए शातिर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए डमी का अंतिम संस्कार करने के लिए यहां लाए थे। लेकिन नगर पालिका के कर्मचारियों और लोगों के शक के कारण पूरा मामला खुल गया। अब पुलिस घटना के मास्टरमाइंड कपड़ा व्यापारी व उसके साथी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही है।
आग लगाने की तैयारी कर चुके थे शातिर
दोपहर करीब एक बजे दिल्ली के कैलाशपुरी कॉलोनी निवासी कमल सोमानी और उसका साथी आशीष खुराना निवासी जैन कॉलोनी, उत्तम नगर दिल्ली कार में एक शव का अंतिम संस्कार करने के लिए ब्रजघाट स्थित श्मशानघाट लेकर पहुंचे थे। दोनों युवकों ने अंतिम संस्कार के लिए टाल से लकड़ी व अन्य सामग्री खरीद कर चिता तैयार की और कार से शव को निकालकर उस पर रख लिया। ये लोग शव में आग लगाने की तैयारी कर ही रहे थे कि तभी नगर पालिका का कर्मचारी मौके पर पहुंच गया। नियमानुसार मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए नगर पालिका के कर्मचारी द्वारा मृतक का नाम पता दर्ज किया जाता है।
श्मशान घाट पर कार्यरत पालिका कर्मी नितिन चिता के पास पहुंचा और कमल व उसके साथी से मृतक का नाम पूछा। दोनों ने बताया कि मृतक का नाम अंशुल है, जो दिल्ली के करोल बाग क्षेत्र निवासी थे। जिनकी दिल्ली के अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लाया गया है। शव के साथ कम लोगों को देखकर पालिका कर्मी को कुछ शक हुआ, तो उसने मृतक का चेहरा देखने के लिए कहा। लेकिन कमल और आशीष आनाकानी करने लगे। इसी बीच नितिन ने कफन हटाकर पैर देखे, तो चिता पर शव की जगह डमी दिखाई दी। जिसके बाद उसने आसपास मौजूद अन्य लोगों को भी बुला लिया और चेहरा खोलते ही सब अचरज में पड़ गए। युवकों ने चिता पर डमी रखी हुई थी। इसके बाद मामले की सूचना लोगों ने पुलिस को दी।
अस्पताल पर लगाया डमी देने का आरोप
श्मशान घाट पर हंगामे के दौरान कमल ने बताया कि अस्पताल में मौत होने के बाद वह लोग शव यहां लेकर आए हैं। उसने लोगों को गुमराह करने के लिए अस्पताल प्रबंधन पर शव की जगह डमी देने का आरोप लगाया। लेकिन आरोपियों को यह बहाना अधिक देर तक नहीं चला। सूचना मिलते ही ब्रजघाट चौकी पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिसकर्मी दोनों युवकों को हिरासत में लेकर चौकी ले आया और कोतवाली प्रभारी को मामले की जानकारी दी। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने पूरा षडयंत्र खोलकर रख दिया।
