डॉ. नीतू कुमारी ‘नवगीत’ (स्वीप आइकॉन, निर्वाचन आयोग)

चैंपियन रहे बिहार के मतदाता

पटना –बिहार की भूमि लोकतंत्र की जन्मदात्री है। ऐतिहासिक साक्ष्यों से सिद्ध होता है कि विश्व का प्रथम सफल लोकतांत्रिक प्रयोग बिहार के वैशाली में हुआ था। बिहार राजनीतिक रूप से सदैव जागरूक राज्य रहा है। लोकतंत्र के भाग्यविधाता मतदाताओं ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में शानदार भागीदारी निभाकर यह प्रमाणित किया है कि बिहार क्यों देश का सबसे जागरूक और प्रतिनिधि राज्य माना जाता है।

चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार के चुनाव में 66.91 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कुल 7 करोड़ 45 लाख 26 हजार 858 मतदाताओं ने मतदान कर बिहार में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। भारतीय संविधान लागू होने के उपरांत मतदाता भागीदारी के आधार पर यह बिहार का सबसे सफल चुनाव रहा। महिला मतदाताओं का जोश पुरुषों से भी अधिक देखने को मिला। दूसरे चरण के मतदान में जहां 74 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने मतदान किया, वहीं 64 प्रतिशत पुरुषों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कुल मिलाकर 68.76 प्रतिशत महिलाओं और 65.08 प्रतिशत पुरुषों ने मतदान प्रक्रिया में भाग लिया। बिहार की महिलाओं की यह सजगता वाकई सराहनीय है।

निर्वाचन आयोग के मतदाता जागरूकता अभियान की स्वीप आइकॉन के रूप में जब भी मैं लोगों को मतदान की आवश्यकता बताने गई, हर जगह उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया मिली। बिहार के लोग चुनाव को लेकर स्वभावतः उत्साहित रहते हैं। इस बार मतदाताओं ने चुनाव को एक उत्सव के रूप में मनाया। लोकआस्था के महापर्व छठ के ठीक बाद हुए चुनाव में मतदाताओं ने वैसे ही बढ़-चढ़कर भाग लिया जैसे अपने लोकोत्सव में करते हैं। इतनी शानदार भागीदारी लोकतंत्र की जीत है, बिहार की जीत है। चुनाव प्रक्रिया को सफल बनाने में 8.5 लाख से अधिक कर्मचारियों, 1.4 लाख से अधिक पोलिंग एजेंटों, 243 जनरल ऑब्जर्वर, 38 पुलिस ऑब्जर्वर और 67 एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी अपनी उत्कृष्ट सेवा के लिए बधाई के पात्र हैं।

इस ऐतिहासिक चुनाव प्रक्रिया को देखने और समझने के लिए दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, बेल्जियम और कोलंबिया से आए 16 प्रतिनिधियों ने भी बिहार के मतदाताओं के उत्साह को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया। वस्तुतः चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है। पिछले कुछ वर्षों में मतदाताओं की घटती भागीदारी चिंता का विषय रही, परंतु इस बार बिहार के मतदाताओं ने नई राह दिखाई है। अपार उत्साह और रिकॉर्ड मतदान के साथ उन्होंने यह संदेश दिया है कि लोकतंत्र में उनका विश्वास अटूट है। अब जिम्मेदारी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की है कि वे जनता के विश्वास पर खरे उतरें और अपनी भूमिका सशक्त रूप से निभाएं, ताकि जनता का भरोसा न केवल उन पर बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी बना रहे।

(डॉ. नीतू कुमारी ‘नवगीत’ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान पटना जिले में निर्वाचन आयोग की मतदाता जागरूकता अभियान की स्वीप आइकॉन रहीं। वह बिहार की प्रसिद्ध लोकगायिका हैं।)