हिसार में एसआई की पीट-पीटकर हत्या: चिल्लाते रहे एसआई कोई बचाने नहीं आया
- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय
Political Trust
- November 8, 2025
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हिसार। ढाणी श्यामलाल की गली नंबर-3 में वीरवार रात 11 बजे हुड़दंगी एसआई रमेश कुमार को लाठी-डंडों से पीटते रहे, वे चिल्लाते रहे…पर उन्हें बचाने कोई नहीं आया। रमेश कुमार का गली-मोहल्ले में लगभग सभी लोगों के साथ मेल-मिलाप था। आने-जाने के दौरान अक्सर लोगों से बतियाते थे, उनका हालचाल पूछते थे, मगर उनकी कराह किसी को सुनाई नहीं दी।
सुबह जब लोगों से पूछा तो बताया कि उन्हें तो पता ही नहीं चला। यह सोचकर बाहर नहीं आए कि रोज गलियों में शोर मचाते घूमने वाले हुड़दंगी होंगे, थोड़ी देर में चले जाएंगे। हालांकि शुक्रवार सुबह से ही लोगों का उनके घर जमावड़ा लगने लगा था। वे रात की घटना से स्तब्ध थे और ग्लानि भी महसूस कर रहे थे कि जरूरत के वक्त वे एक अच्छे पड़ोसी के काम न आ सके।
हमलावर करीब 10.30 बजे मोहल्ले में पहुंचे और शोर-शराबा करने लगे। उस समय एसआई रमेश कुमार घर पर ही थे। हमले के बाद पति की चीख सुनकर पत्नी बबली बाहर आई तो वे लहूलुहान पड़े थे। उन्हें इस हालत में देखकर वे बेसुध हो गई। चिल्लाते हुए मदद की गुहार लगाई। हाथ पर डंडा लगने से चोटिल भतीजा अमित तब वहीं पर था। चाची को संभालते हुए पुलिस को सूचना दी। उसने चिल्लाकर आवाज दी तो कुछ लोग बाहर आए।
रमेश के बड़े भाई एएसआई थे
रमेश के पांच भाई हैं। सबसे बड़े कृष्ण हरियाणा पुलिस में एएसआई थे। उनकी हादसे में मौत हो चुकी है। दूसरे नंबर पर रामगोपाल पशुपालन विभाग से रिटायर हो चुके हैं। तीसरे भाई रोहताश कृषि विभाग में सहायक कृषि अधिकारी के पद से रिटायर हो चुके हैं। रमेश चौथे नंबर पर थे। सबसे छोटे भाई सुरेश आटा चक्की चलाते हैं। वे ऋषि नगर में चलाए जा रहे दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में सहायक के तौर पर भी काम करते हैं।
हमलावर करीब 10.30 बजे मोहल्ले में पहुंचे और शोर-शराबा करने लगे। उस समय एसआई रमेश कुमार घर पर ही थे। हमले के बाद पति की चीख सुनकर पत्नी बबली बाहर आई तो वे लहूलुहान पड़े थे। उन्हें इस हालत में देखकर वे बेसुध हो गई। चिल्लाते हुए मदद की गुहार लगाई। हाथ पर डंडा लगने से चोटिल भतीजा अमित तब वहीं पर था। चाची को संभालते हुए पुलिस को सूचना दी। उसने चिल्लाकर आवाज दी तो कुछ लोग बाहर आए।
रमेश के बड़े भाई एएसआई थे
रमेश के पांच भाई हैं। सबसे बड़े कृष्ण हरियाणा पुलिस में एएसआई थे। उनकी हादसे में मौत हो चुकी है। दूसरे नंबर पर रामगोपाल पशुपालन विभाग से रिटायर हो चुके हैं। तीसरे भाई रोहताश कृषि विभाग में सहायक कृषि अधिकारी के पद से रिटायर हो चुके हैं। रमेश चौथे नंबर पर थे। सबसे छोटे भाई सुरेश आटा चक्की चलाते हैं। वे ऋषि नगर में चलाए जा रहे दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में सहायक के तौर पर भी काम करते हैं।
