हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला! अतीक के बहनोई, वकील, ड्राइवर और नौकर की जमानत अर्जी खारिज
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- November 7, 2025
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प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया अतीक अहमद के बहनोई, वकील, ड्राइवर और नौकर की जमानत अर्जी खारिज कर दी। सभी ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी और कहा था कि उनका इस हत्याकांड से कोई वास्ता नहीं है। उन्हें बेवजह फंसाया गया है। अतीक के बहनोई पर आरोप था कि उसने बमबाज गुड्डू मुस्लिम को शरण दी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी माफिया अतीक अहमद के बहनोई डॉ. अखलाक अहमद, वकील विजय मिश्रा, ड्राइवर कैश व नौकर नियाज की जमानत अर्जी खारिज कर दी। पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया। सभी आरोपियों की ओर से दाखिल अपराधिक अपील पर न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एकल पीठ सुनवाई कर रही थी। मेरठ निवासी अतीक के बहनोई डॉ अखलाक अहमद पर हत्याकांड के बमबाज गुड्डू मुस्लिम को शरण देने का आरोप है। जबकि, बाकी मुल्जिमों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है।
हत्याकांड के बाद से फरार बमबाज गुड्डू मुस्लिम पांच लाख का इनामी है। पुलिस का दावा है कि घटना को अंजाम देने के बाद इसने डॉ. अखलाख के मेरठ स्थित घर पर शरण ली थी। मेरठ से गिरफ्तार अखलाख ने जमानत पर रिहाई के लिए सितंबर 2023 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। डॉ. अखलाक के अधिवक्ता के दलील दिया था कि वह एफआईआर में नामजद नहीं है। वह पेशे से डॉक्टर हैं। अपराध की दुनिया से उसका कोई वास्ता नहीं है। उसे केवल अतीक के रिश्तेदार होने के कारण फंसाया गया है।
हत्याकांड के बाद से फरार बमबाज गुड्डू मुस्लिम पांच लाख का इनामी है। पुलिस का दावा है कि घटना को अंजाम देने के बाद इसने डॉ. अखलाख के मेरठ स्थित घर पर शरण ली थी। मेरठ से गिरफ्तार अखलाख ने जमानत पर रिहाई के लिए सितंबर 2023 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। डॉ. अखलाक के अधिवक्ता के दलील दिया था कि वह एफआईआर में नामजद नहीं है। वह पेशे से डॉक्टर हैं। अपराध की दुनिया से उसका कोई वास्ता नहीं है। उसे केवल अतीक के रिश्तेदार होने के कारण फंसाया गया है।
