दैनिक खरीदारी में बढ़ा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल, हर महीने 2.20 लाख करोड़ पार, 23% बढ़ा बकाया;

 दैनिक खरीदारी में बढ़ा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल, हर महीने 2.20 लाख करोड़ पार, 23% बढ़ा बकाया;

नई दिल्ली। देश में हर माह क्रेडिट कार्ड से खर्च 2.20 लाख रुपये करोड़ पार हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 18 महीनों में बकाया 23 प्रतिशत बढ़ा है। अब लोग दैनिक खरीदारी के लिए भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे।

देश में क्रेडिट कार्डधारकों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच खर्च में भी तेजी देखी जा रही है। क्रेडिट कार्ड से हर महीने खर्च 2.20 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। खास बात है कि क्रेडिट कार्ड से होने वाला खर्च सिर्फ यात्रा और उच्च-मूल्य वाली ई-कॉमर्स खरीदारी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लोग अब खाने-पीने के सामान, दैनिक उपयोग की वस्तुएं और कम मूल्य वाले उत्पाद खरीदने में भी इसका जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं।

वर्ल्डलाइन की बुधवार को जारी इंडिया डिजिटल पेमेंट्स रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी, 2024 से जून, 2025 के बीच यानी 18 महीनों में क्रेडिट कार्ड बकाये में 23 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, क्रेडिट कार्ड के बढ़ते उपयोग के बाद भी प्रति लेनदेन औसत टिकट साइज में 6 फीसदी की गिरावट आई है।

खर्च 17 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ

रिपोर्ट के मुताबिक, जून, 2025 तक क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन लेनदेन संख्या के लिहाज से 36 फीसदी बढ़कर 1.32 अरब पहुंच गया है। वहीं, खर्च 17 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 7.02 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। हालांकि, डेबिट कार्ड से होने वाले लेनदेन की संख्या 28 फीसदी घटकर 17.4 करोड़ रह गई है।

नेटबैंकिंग के द्वारा 717.4 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन

नेटबैंकिंग से 2025 की पहली छमाही में 717.4 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए। यह 2024 की पहली छमाही से 30 फीसदी अधिक है। हालांकि, नेटबैंकिंग लेनदेन की संख्या एक फीसदी घटकर 2.22 अरब रही।

औसत लेनदेन का आकार बढ़कर 3,13,954 रुपये पहुंच गया, जो सभी भुगतान माध्यमों में सर्वाधिक है। एक साल पहले की समान अवधि में औसत लेनदेन आकार 2,39,421 रुपये था।

आंकड़े बताते हैं कि नेटबैंकिंग अब भी वित्तीय व्यवस्था की रीढ़ है। कॉरपोरेशन, कोषागार और सरकारी एजेंसियां टैक्स भुगतान, जीएसटी एवं बड़े आकार के लेनदेन के लिए नेटबैंकिंग पर निर्भर हैं।

मोबाइल भुगतान में 30 फीसदी की तेजी

2025 की पहली छमाही में मोबाइल से 209.7 लाख करोड़ रुपये के 98.9 अरब लेनदेन हुए। संख्या के लिहाज से लेनदेन में 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, औसत टिकट साइज 10 फीसदी घटकर 2,120 रुपये रह गया। फास्टैग से भुगतान की संख्या सालाना आधार पर 16 फीसदी बढ़कर 2.32 अरब पहुंच गई। मूल्य के लिहाज से भुगतान 18 फीसदी बढ़कर 405 अरब रुपये पहुंच गया।