पुस्तकों द्वारा स्वस्थ समाज का निर्माण : इंदिरा मोहन

 पुस्तकों द्वारा स्वस्थ समाज का निर्माण : इंदिरा मोहन

Political Trust Magazine 

नई दिल्ली
साहित्य सदैव मनुष्य को संस्कार देता आया है उसे सही मार्ग दिखाता आया है वास्तव में पुस्तकों द्वारा स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है यह विचार दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार और गीतकार इंदिरा मोहन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में व्यक्त किए

अवसर था दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन और हिंदी प्रतिभा पुंज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित काव्य पाठ पुस्तक लोकार्पण और नाट्य प्रस्तुति की साहित्यिक त्रिवेणी का जो नई दिल्ली के हिंदी भवन में भव्य रूप से संपन्न हुई इस आयोजन में सौ से अधिक साहित्यकार हिंदी प्रेमी शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे

कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन और कथक नृत्यांगना सुरम्या शर्मा की सरस्वती वंदना से हुआ हिंदी प्रतिभा पुंज की महासचिव डॉ सुधा शर्मा पुष्प ने संस्था के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह मंच उन हिंदी प्रतिभाओं को अवसर देता है जिन्हें मंच नहीं मिल पाता

पहले सत्र में कवि अनीता डबास ज्योति स्वरूप गौड़ ममता राय और आदित्य बंसल ने काव्य पाठ से श्रोताओं का मन मोह लिया इस सत्र में प्रो रमा प्रो हेमंत कुकरेती और नरेश शांडिल्य ने कवियों का मार्गदर्शन किया संचालन पूनम माटिया ने किया

दूसरे सत्र में प्रो रवि शर्मा मधुप और डॉ सुधा शर्मा पुष्प की सात पुस्तकों का लोकार्पण हुआ

सुधा शर्मा पुष्प की कृतियाँ थीं, रिश्तों का सच ,आचार्य की विवशता, संस्कारित संतति और प्रिय पुत्री प्रिया जबकि रवि शर्मा मधुप की कृतियाँ थीं चैन की बंसी, पहियों पर पैर और चिंतन के विविध रंग
इन पुस्तकों की समीक्षाएँ डॉ अनु गौड़ सरिता गुप्ता सुधीर डॉ उमेश चंद्र सिरसवारी और बबिता यादव ने प्रस्तुत कीं सत्र का संचालन ऋषि कुमार शर्मा ने किया

तीसरा सत्र विशेष आकर्षण का केंद्र रहा जिसमें श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्राध्यापकों ने डॉ सुधा शर्मा पुष्प द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक आचार्य की विवशता का मंचन किया जिसे दर्शकों ने खूब सराहा

अध्यक्षीय संबोधन में इंदिरा मोहन ने कहा कि सुधा जी अपनी परंपराओं और संस्कारों को लेकर आगे बढ़ रही हैं जो भारतीय चेतना का प्रतीक है यदि भारत को विश्व गुरु बनाना है तो संस्कार और संस्कृति को साथ लेकर चलना होगा और रवि और सुधा जी यह कार्य विधिवत कर रहे हैं

कार्यक्रम के समापन पर काव्य पाठ करने वाले कवियों समीक्षकों और नाटक कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया अंत में प्रो रवि शर्मा मधुप ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया

इस अवसर पर डॉ नीलम सिंह, डॉ रंजना अग्रवाल, डॉ निशा भार्गव, डॉ अर्चना सक्सेना, प्रो ऋचा मिश्र ,डॉ मोहिनी दीक्षित, नवीन झा सहित अनेक हिंदी प्रेमी विद्वान उपस्थित रहे