केंद्र से CIC नियुक्तियों की शॉर्टलिस्ट सार्वजनिक करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
- दिल्ली राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- October 27, 2025
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नई दिल्ली। आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार सूचना आयोग (सीआईसी) में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के पदों के लिए शॉर्टलिस्ट कहने से इनकार कर दिया। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की पीठ ने की।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के पद के लिए चुने गए उम्मीदवारों के नामों का सार्वजनिक खुलासा करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को सूचना आयोगों में खाली पदों को जल्द भरने का निर्देश भी दिया है।
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने याचिकाकर्ता अंजलि भारद्वाज और अन्य की ओर से कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें सूचना आयोगों को निष्क्रिय बना रही हैं। उन्होंने बताया कि, केंद्रीय सूचना आयोग में इस समय कोई मुख्य सूचना आयुक्त नहीं है। 10 में से 8 सूचना आयुक्तों के पद खाली हैं। लगभग 30,000 मामले लंबित पड़े हैं। प्रशांत भूषण ने अदालत से यह निर्देश देने की मांग की कि केंद्र सरकार चयनित उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक करे ताकि जनता आपत्ति या सुझाव दे सके।
केंद्र सरकार का जवाब
केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने कहा कि चयन समिति ने कुछ नामों को शॉर्टलिस्ट किया है और अब वे प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति के पास भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह समिति अगले दो से तीन हफ्तों में नामों को मंजूरी दे देगी, इसलिए अदालत को कोई निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
अदालत ने कहा कि वह केंद्र को नाम सार्वजनिक करने का निर्देश नहीं देगी, लेकिन सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में खाली पद जल्द से जल्द भरे जाएं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘हम मामला निपटा नहीं रहे हैं। हर दो हफ्ते में सुनवाई होगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आदेशों का पालन हो रहा है।’
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने याचिकाकर्ता अंजलि भारद्वाज और अन्य की ओर से कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें सूचना आयोगों को निष्क्रिय बना रही हैं। उन्होंने बताया कि, केंद्रीय सूचना आयोग में इस समय कोई मुख्य सूचना आयुक्त नहीं है। 10 में से 8 सूचना आयुक्तों के पद खाली हैं। लगभग 30,000 मामले लंबित पड़े हैं। प्रशांत भूषण ने अदालत से यह निर्देश देने की मांग की कि केंद्र सरकार चयनित उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक करे ताकि जनता आपत्ति या सुझाव दे सके।
केंद्र सरकार का जवाब
केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने कहा कि चयन समिति ने कुछ नामों को शॉर्टलिस्ट किया है और अब वे प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति के पास भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह समिति अगले दो से तीन हफ्तों में नामों को मंजूरी दे देगी, इसलिए अदालत को कोई निर्देश जारी करने की आवश्यकता नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये आदेश
अदालत ने कहा कि वह केंद्र को नाम सार्वजनिक करने का निर्देश नहीं देगी, लेकिन सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके राज्य सूचना आयोगों (एसआईसी) में खाली पद जल्द से जल्द भरे जाएं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘हम मामला निपटा नहीं रहे हैं। हर दो हफ्ते में सुनवाई होगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आदेशों का पालन हो रहा है।’
