दिल्ली से तख्त श्री पटना साहिब तक 1500 किलोमीटर लंबी ‘गुरु चरण यात्रा’, श्रद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक अवसर
23 अक्टूबर को गुरुद्वारा मोती बाग से शुरू होकर 1 नवंबर को तख्त श्री पटना साहिब में संपन्न होगी नौ दिवसीय गुरु चरण यात्रा
Political Trust Magazine
नई दिल्ली
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज घोषणा की कि गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज और माता साहिब कौर जी के पावन चरण-‘चरन सुहावा’-को दिल्ली से पटना साहिब तक नौ दिवसीय, 1500 किलोमीटर लंबी ‘गुरु चरण यात्रा’ के रूप में ले जाया जाएगा। यह यात्रा 23 अक्टूबर को दिल्ली स्थित गुरुद्वारा मोती बाग साहिब से आरंभ होकर 1 नवंबर 2025 को बिहार स्थित तख्त श्री पटना साहिब में संपन्न होगी।

पुरी ने बताया कि यात्रा से एक दिन पूर्व, 22 अक्टूबर की शाम को गुरुद्वारा मोती बाग साहिब में विशेष कीर्तन समागम आयोजित किया जाएगा, जहां श्रद्धालु पवित्र चरणों के दर्शन कर सकेंगे। यात्रा के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब और पंच प्यारे भी संग रहेंगे। मार्ग में विभिन्न स्थानों पर संगतों को पवित्र चरणों के दर्शन का अवसर मिलेगा।

‘चरन सुहावा’ यात्रा का पहला पड़ाव फरीदाबाद रहेगा, जिसके बाद यात्रा 24 अक्टूबर को आगरा, 25 अक्टूबर को बरेली, 26 अक्टूबर को महांगापुर, 27 अक्टूबर को लखनऊ, 28 अक्टूबर को कानपुर, 29 अक्टूबर को प्रयागराज, 30 अक्टूबर को वाराणसी और सासाराम होते हुए 31 अक्टूबर को गुरुद्वारा गुरु का बाग, पटना साहिब पहुंचेगी। यात्रा का समापन 1 नवंबर की सुबह तख्त श्री पटना साहिब में होगा।
यात्रा के समन्वय के लिए मार्ग में आने वाले सभी गुरुद्वारा प्रबंधक समितियां और स्थानीय सिख संगतें प्रशासन के सहयोग से व्यवस्था करेंगी। पुरी ने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह जी के चरणों (दायां जूता) और माता साहिब कौर जी के चरणों (बायां जूता) से बना यह ‘जोड़ों साहिब’ पुरी परिवार द्वारा तीन शताब्दियों से संरक्षित रहा है।
पुरी परिवार के अंतिम संरक्षक सरदार जसमीत सिंह पुरी थे, जिनके करोल बाग स्थित आवास के मार्ग का नाम बाद में ‘गुरु गोबिंद सिंह मार्ग’ रखा गया। उनके निधन के पश्चात उनकी पत्नी मनप्रीत पुरी ने हरदीप सिंह पुरी से इन पवित्र अवशेषों के संरक्षण और सार्वजनिक दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
इन पवित्र चरणों की प्रामाणिकता की जांच संस्कृति मंत्रालय के अधीन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) द्वारा की गई, जिसमें कार्बन डेटिंग और अन्य वैज्ञानिक परीक्षणों के माध्यम से इन्हें 17वीं शताब्दी का बताया गया। ऐतिहासिक दस्तावेजों और वंशावली साक्ष्यों से भी पुरी परिवार का गुरु गोबिंद सिंह जी के घराने से जुड़ाव सिद्ध हुआ।
धार्मिक संस्थाओं और सिख प्रतिनिधियों से व्यापक परामर्श के बाद निर्णय लिया गया कि इन पवित्र चरणों को तख्त श्री पटना साहिब में स्थायी रूप से रखा जाएगा, ताकि श्रद्धालु निरंतर दर्शन कर सकें।
घोषणा के दौरान दिल्ली गुरुद्वारा समिति अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, महासचिव जगदीप सिंह काहलों, तख्त पटना साहिब समिति अध्यक्ष जगजोत सिंह सोही, महासचिव इंदरजीत सिंह, यात्रा संयोजक जसबीर सिंह धाम सहित विभिन्न राज्यों के गुरुद्वारा प्रतिनिधि और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
करीब 1500 किलोमीटर लंबी यह गुरु चरण यात्रा सिख समाज के लिए एक गहन आध्यात्मिक महत्व का क्षण है, जो गुरु महाराज के पावन चरणों की उनके जन्मस्थल पर वापसी का प्रतीक बनेगी।
