भारत के तीन कफ सिरप को लेकर डब्ल्यूएचओ ने जारी की चेतावनी
- दिल्ली राष्ट्रीय स्वास्थ्य
Political Trust
- October 14, 2025
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नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत के प्रतिबंधित तीन ब्रांड के जहरीले कफ सिरप के बारे में चेतावनी जारी की है। संगठन ने अधिकारियों से आग्रह किया कि तीनों प्रतिबंधित सिरप में से किसी के मिलने पर एजेंसी को सूचित करें। डब्ल्यूएचओ के परामर्श में उस संदिग्ध कोल्ड्रिफ कफ सिरप का भी जिक्र है, जिसे लेने से कथित तौर पर मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की जान गई।
स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि प्रभावित दवाइयां कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश टीआर और रिलाइफ के विशिष्ट बैच का निर्माण क्रमशः श्रीसन फार्मास्युटिकल्स, रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स और शेप फार्मा करती है। ये जहरीले कफ सिरप संभावित रूप से जानलेवा बीमारी का भी कारण बन सकते हैं।
भारत के स्वास्थ्य प्राधिकरण, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने डब्ल्यूएचओ को बताया कि पिछले हफ्ते भारत में 5 साल से कम उम्र के 17 बच्चों की ये सिरप पीने से मौत हो गई थी। सीडीएससीओ ने कहा कि इनमें से कोई भी दूषित दवा भारत से निर्यात नहीं की गई है और अवैध निर्यात का कोई सबूत नहीं है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यह सिरप भारत में जोखिम भरे हैं और इनसे गंभीर-जान पर खतरा पैदा करने वाली बीमारी हो सकती हैं।
सिरप में पाया गया डायथिलीन ग्लाइकॉल
गौरतलब है कि दूषित दवा के प्रयोगशाला परीक्षणों में डायथिलीन ग्लाइकॉल के मिलावट की पुष्टि हुई थी जो एक जहरीला रसायन है और बड़े पैमाने पर विषाक्तता की घटनाओं से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रक डीके मौर्य ने बताया था कि इस सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की मात्रा 48% से ज्यादा पाई गई, जबकि स्वीकार्य सीमा केवल 0.1% है। यह मात्रा बेहद खतरनाक है।
भारत के स्वास्थ्य प्राधिकरण, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने डब्ल्यूएचओ को बताया कि पिछले हफ्ते भारत में 5 साल से कम उम्र के 17 बच्चों की ये सिरप पीने से मौत हो गई थी। सीडीएससीओ ने कहा कि इनमें से कोई भी दूषित दवा भारत से निर्यात नहीं की गई है और अवैध निर्यात का कोई सबूत नहीं है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, यह सिरप भारत में जोखिम भरे हैं और इनसे गंभीर-जान पर खतरा पैदा करने वाली बीमारी हो सकती हैं।
सिरप में पाया गया डायथिलीन ग्लाइकॉल
गौरतलब है कि दूषित दवा के प्रयोगशाला परीक्षणों में डायथिलीन ग्लाइकॉल के मिलावट की पुष्टि हुई थी जो एक जहरीला रसायन है और बड़े पैमाने पर विषाक्तता की घटनाओं से जुड़ा हुआ है। मध्य प्रदेश के औषधि नियंत्रक डीके मौर्य ने बताया था कि इस सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) की मात्रा 48% से ज्यादा पाई गई, जबकि स्वीकार्य सीमा केवल 0.1% है। यह मात्रा बेहद खतरनाक है।
