खुदरा महंगाई दर 1.69 फीसदी पर आने की उम्मीद; खाद्य कीमतों में आएगी कमी
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- October 9, 2025
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नई दिल्ली। सितंबर में खाद्य पदार्थों की कीमतों में मासिक आधार पर 0.3 प्रतिशत कमी आने की संभावना है। यह मुख्यतः सब्जियों व फलों की कीमतों में सुधार के कारण है। इससे पहले तीन महीनों तक खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ीं थीं।
खुदरा महंगाई में राहत जारी रहने की उम्मीद है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक, सितंबर की खुदरा महंगाई घटकर 1.61 फीसदी रह सकती है। अगस्त में 2.07 फीसदी थी। ये दोनों आंकड़े पिछले 8 वर्षों के निचला स्तर पर हैं। खाद्य कीमतों में लगातार कमी से ऐसा हो रहा है। हालांकि, गैर खाद्य कीमतें चिंता बढ़ा सकती हैं।
अगस्त से पहले लगातार 9 महीने तक खुदरा महंगाई घटी थी। हालांकि, अगस्त में यह बढ़कर 2.07 फीसदी पर पहुंच गई थी। जुलाई में 1.55 फीसदी पर थी। सीएमआईई के मुताबिक, सितंबर के आंकड़े मुद्रास्फीति को नवंबर, 2024 से चली आ रही मंदी की राह पर वापस ला देंगे। मुख्य मुद्रास्फीति में अनुमानित गिरावट खाद्य कीमतों में क्रमिक कमी के कारण होगी। कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी से सितंबर में गैर-खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना थी। हालांकि, खाद्य कीमतों में गिरावट ने इसकी आंशिक भरपाई कर दी।
सितंबर में खाद्य पदार्थों की कीमतों में मासिक आधार पर 0.3 प्रतिशत कमी आने का अनुमान है। यह मुख्यतः सब्जियों व फलों की कीमतों में सुधार के कारण है। इससे पहले तीन महीनों तक खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ीं थीं। मई और अगस्त के बीच सब्जियों के भाव लगातार बढ़े। फिर भी, पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कम रहे। अगस्त में कीमतें 15.9 प्रतिशत बढ़ीं लेकिन सितंबर में कम हो गईं। इसका मुख्य कारण टमाटर की आवक में वृद्धि था।
टमाटर की कीमत 53 से घटकर 42 रुपये
टमाटर अगस्त के 53 रुपये से गिरकर सितंबर में 42 रुपये किलो हो गया। प्याज और आलू जैसी अन्य प्रमुख सब्जियों के भी दाम घटे हैं। इससे सब्जियों की कीमतों में 21 प्रतिशत की कमी आई होगी। सेब की ताजा आवक से फलों के भाव घटे हैं। अगस्त में इसकी महंगाई दर 11 फीसदी रही जो सितंबर में 10 फीसदी रह सकती है।
तेल और वसा के दाम घटे
तेल और वसा के दाम 21.2 फीसदी से घटकर 18.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सितंबर में लगातार ग्यारहवें महीने दालों की कीमतों में गिरावट रही। हालांकि, गति धीमी पड़ गई है। दालों व अन्य उत्पादों की कीमतों में 15.2 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। अगस्त में यह 14.5 प्रतिशत थी।
अगस्त से पहले लगातार 9 महीने तक खुदरा महंगाई घटी थी। हालांकि, अगस्त में यह बढ़कर 2.07 फीसदी पर पहुंच गई थी। जुलाई में 1.55 फीसदी पर थी। सीएमआईई के मुताबिक, सितंबर के आंकड़े मुद्रास्फीति को नवंबर, 2024 से चली आ रही मंदी की राह पर वापस ला देंगे। मुख्य मुद्रास्फीति में अनुमानित गिरावट खाद्य कीमतों में क्रमिक कमी के कारण होगी। कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी से सितंबर में गैर-खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना थी। हालांकि, खाद्य कीमतों में गिरावट ने इसकी आंशिक भरपाई कर दी।
सितंबर में खाद्य पदार्थों की कीमतों में मासिक आधार पर 0.3 प्रतिशत कमी आने का अनुमान है। यह मुख्यतः सब्जियों व फलों की कीमतों में सुधार के कारण है। इससे पहले तीन महीनों तक खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ीं थीं। मई और अगस्त के बीच सब्जियों के भाव लगातार बढ़े। फिर भी, पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कम रहे। अगस्त में कीमतें 15.9 प्रतिशत बढ़ीं लेकिन सितंबर में कम हो गईं। इसका मुख्य कारण टमाटर की आवक में वृद्धि था।
टमाटर की कीमत 53 से घटकर 42 रुपये
टमाटर अगस्त के 53 रुपये से गिरकर सितंबर में 42 रुपये किलो हो गया। प्याज और आलू जैसी अन्य प्रमुख सब्जियों के भी दाम घटे हैं। इससे सब्जियों की कीमतों में 21 प्रतिशत की कमी आई होगी। सेब की ताजा आवक से फलों के भाव घटे हैं। अगस्त में इसकी महंगाई दर 11 फीसदी रही जो सितंबर में 10 फीसदी रह सकती है।
तेल और वसा के दाम घटे
तेल और वसा के दाम 21.2 फीसदी से घटकर 18.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सितंबर में लगातार ग्यारहवें महीने दालों की कीमतों में गिरावट रही। हालांकि, गति धीमी पड़ गई है। दालों व अन्य उत्पादों की कीमतों में 15.2 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। अगस्त में यह 14.5 प्रतिशत थी।
