असम में भाजपा को झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता राजेन गोहेन समेत 18 का इस्तीफा
- राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- October 9, 2025
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डिब्रूगढ़। असम में भाजपा को झटक लगा है। वरिष्ठ नेता राजेन गोहेन समेत 18 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को राज्य में बड़ा झटका लगा है। राजेन गोहेन ने अपना इस्तीफा राज्य प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया को सौंपा है।
असम में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और चार बार के भाजपा सांसद राजेन गोहेन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ कुल 17 अन्य सदस्यों ने भी पार्टी से अपना त्यागपत्र सौंपा। राजेन गोहेन ने यह फैसला राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप सैकिया को लिखे पत्र में बताया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी जिम्मेदारियों से तुरंत प्रभाव से हट रहे हैं।
इस वजह से भाजपा नेता ने दिया इस्तीफा
सूत्रों के अनुसार, इस्तीफा देने वाले अधिकांश सदस्य ऊपरी और मध्य असम से हैं। राजेन गोहेन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि पार्टी ने ‘असम के लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया और स्थानीय समुदायों को धोखा दिया, जबकि बाहरी लोगों को राज्य में बसने की अनुमति दी।’
1999 से 2019 तक नागांव से सांसद रहे हैं गोहेन
बता दें कि, राजेन गोहेन ने 1999 से 2019 तक नागांव संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और 2016 से 2019 तक रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे। भाजपा में रहते हुए वो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे पेशे से चाय बागान के मालिक भी है। इसके अलावा कई अन्य क्षेत्रों में उनका काफी प्रभाव है। उनके जाने से भाजपा को राज्य में नुकसान हो सकता है।
इस वजह से भाजपा नेता ने दिया इस्तीफा
सूत्रों के अनुसार, इस्तीफा देने वाले अधिकांश सदस्य ऊपरी और मध्य असम से हैं। राजेन गोहेन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि पार्टी ने ‘असम के लोगों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया और स्थानीय समुदायों को धोखा दिया, जबकि बाहरी लोगों को राज्य में बसने की अनुमति दी।’
1999 से 2019 तक नागांव से सांसद रहे हैं गोहेन
बता दें कि, राजेन गोहेन ने 1999 से 2019 तक नागांव संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और 2016 से 2019 तक रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे। भाजपा में रहते हुए वो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे पेशे से चाय बागान के मालिक भी है। इसके अलावा कई अन्य क्षेत्रों में उनका काफी प्रभाव है। उनके जाने से भाजपा को राज्य में नुकसान हो सकता है।
