मोरक्को में सड़क पर युवा, देश भर में सरकार विरोधी प्रदर्शन

 मोरक्को में सड़क पर युवा, देश भर में सरकार विरोधी प्रदर्शन
मोरक्को। मोरक्कों के युवा देश की सरकार और भ्रष्टाचार के खिलाफ बीते नौ दिन से सड़क पर हैं। देश  भर में सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। नेपाल के बाद से अब मोरक्को में पिछले नौ दिन से युवाओं का प्रदर्शन जारी है। इस आंदोलन को ‘जेन-जी 212’ नाम दिया गया है। यह प्रदर्शन देश में बदहाल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण से किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बुनियादी सेवाओं की खराब स्थिति के बावजूद 2030 के विश्व कप की तैयारियों में भारी निवेश किया जा रहा है।
मोरक्को में क्या हुआ?
मोरक्को में 27 सितंबर को युवाओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया, जिसमें अबतक कुल 3 लोगों की जान गई है। वहीं, लगभग 1000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। विरोध प्रदर्शन ‘जेन-जी 212’ नामक एक ऑनलाइन समूह द्वारा हो रहा है। इसके लिए टिकटॉक, इंस्टाग्राम और गेमिंग एप्लिकेशन डिस्कॉर्ड सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग किया जा रहा है। बीते बुधवार को पहली मौत की सूचना मिली, जिसमें अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों ने अगाडिर के पास लकलिया में हथियार और गोला-बारूद चुराने की कोशिश कर रहे चाकुओं से लैस तीन युवकों को गोली मारकर मार डाला। यह घटना तब घटी जब 200 लोगों ने एक सुरक्षा बल स्टेशन पर हमला किया, जिसके कारण सुरक्षा बलों के सदस्यों घायल हो गए।  इसके बाद से पुलिस ने पहले आंसू गैस और चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं। इस विरोध प्रदर्शनों ने राजधानी रबात, मुख्य व्यावसायिक शहर कैसाब्लांका, पर्यटन केंद्र माराकेच और बंदरगाह शहर टैंजियर को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इस घटना को छोड़कर मोटे तौर पर ये प्रदर्शन अहिंसक रहे हैं। नौ दिन से जारी प्रदर्शन धीरे-धीरे पूरे देश में फैल चुके हैं।
प्रदर्शन क्यों हो रहा है?
अटलांटिक काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, “ ये प्रदर्शन तब शुरू हुए जब मोरक्को में सितंबर के मध्य में रबात में नए मौले अब्देल्लाह फुटबॉल स्टेडियम का अनावरण किया। इस स्टेडियम की लागत कथित तौर पर 7.5 करोड़ डॉलर है। इसी स्टेडियम में साल के अंत में दिसंबर में मोरक्को अफ्रीकी कप की मेजबानी करने वाला है। इसी दौरान, अगाडिर में चिकित्सा लापरवाही के कारण कई मरीजों की मौत की खबरों ने देश की विकास प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े किए। युवाओं में एक तरफ स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं की बदहाली को लेकर निराशा। वहीं, दूसरी ओर सरकार 2030 विश्व कप की मेजबानी के अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचे के निर्माण में सक्रिय रूप से जुटी है। युवाओं में इसे लेकर आक्रोश है।