चांदी निकली सोने से आगे, लेकिन सोने में दांव लगाने पर लाभ?

 चांदी निकली सोने से आगे, लेकिन सोने में दांव लगाने पर लाभ?
नई दिल्ली। सोना और चांदी की कीमते 2025 में तेज बढ़त के साथ आगे बढ़ रही हैं। इस साल चांदी ने सोने से अधिक रिटर्न दिया है। लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि निवेश के लिए सोना ज्यादा सुरक्षित और बेहतर विकल्प है। आने वाले समय में सोने की कीमतों में और बढ़त की उम्मीद की जा रही है, जबकि चांदी में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।
कीमतों में रिकॉर्ड तेजी
इस साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 47% बढ़कर 3,896.8 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई है। चांदी की कीमत 62% बढ़कर 48 डॉलर हो गई है। भारत में भी यही रुझान दिखा है — MCX पर सोना 54% बढ़कर ₹1,16,933 प्रति 10 ग्राम और चांदी 68.7% बढ़कर ₹1,44,888 प्रति किलो हो गई है। इसके मुकाबले शेयर बाजार में निफ्टी और सेंसेक्स ने सिर्फ 5% रिटर्न दिया है, और मिडकैप व स्मॉलकैप इंडेक्स नीचे हैं। बिटकॉइन ने भी सिर्फ 22% की बढ़त दी है।
सोना-चांदी में तेजी के पीछे कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़त की तीन बड़ी वजहें बता रहे हैं। दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने सोना बड़ी मात्रा में खरीदा।
कई देशों में राजनीतिक और आर्थिक तनाव बढ़ा।
टैरिफ और ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता बनी रही।
इन कारणों से निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने और चांदी को चुना। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगे थोड़ी मुनाफावसूली या करेक्शन हो सकता है, लेकिन यह लंबी अवधि के निवेश के लिए अच्छा मौका होगा।
सोने में ज्यादा ध्यान क्यों दें
जानकारों का कहना है कि यह कमोडिटी की लंबी तेजी की शुरुआत है। जानकारों ने सलाह दी कि निवेश में 60% हिस्सा सोने और 40% हिस्सा चांदी में रखें। सोना स्थिरता और आर्थिक झटकों से सुरक्षा देता है, जबकि चांदी में तेजी की संभावना ज्यादा होती है लेकिन उतार-चढ़ाव भी ज्यादा रहता है। सराफा कारोबारियों के मुताबिक, चांदी ज्यादा वोलाटाइल है, जबकि सोने की मांग स्थिर रहती है, इसलिए सोना निकट भविष्य में चांदी से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
डिजिटल गोल्ड में निवेश बेहतर
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने में डिजिटल तरीके से निवेश करना (जैसे ETF या म्युचुअल फंड के ज़रिए) ज्यादा आसान और सुरक्षित है। फिजिकल सोना रखने में स्टोरेज, मेकिंग चार्ज और बेचने की दिक्कत होती है। चांदी को फिजिकल रूप में रखना और भी मुश्किल होता है क्योंकि यह भारी होती है और शुद्धता को लेकर जोखिम रहता है। इसलिए डिजिटल प्लेटफॉर्म बेहतर विकल्प हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि किसी भी निवेश पोर्टफोलियो में कम से कम 10% हिस्सा सोना और चांदी को देना चाहिए।
आगे की कीमतों का अनुमान
डॉलर में कमजोरी और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट से सोने की कीमत 3,875 डॉलर तक जा सकती है। भारत में दिसंबर वायदा सोना अगर यह ₹115,200 के ऊपर बना रहे तो ₹117,500 तक जा सकता है। चांदी दिसंबर वायदा ₹145,500 तक जा सकती है, और ₹141,700 पर मजबूत सपोर्ट है। आने वाले समय में चांदी 1,35,000 रुपये से 1,45,000 रुपये के बीच और सोना 1,14,000 रुपये से 1,18,000 रुपये के बीच रह सकता है।