ऑस्ट्रेलियाई लेखक मरे हंटर थाईलैंड में गिरफ्तार, ये है पूरा मामला
- दिल्ली राष्ट्रीय विदेश
Political Trust
- October 3, 2025
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बैंकॉक। ऑस्ट्रेलियाई लेखक मरे हंटर को थाईलैंड में मलयेशिया की शिकायत पर मानहानि के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हंटर का दावा है कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचकों को दबाने की कोशिश है। उन्होंने 2024 में मलयेशियाई संस्थाओं पर ब्लॉग लिखा था, जिसपर मलयेशियाई सरकार ने आपत्ति जताते हुए छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था।
ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले 66 वर्षीय लेखक और शोधकर्ता मरे हंटर को थाईलैंड में मानहानि के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला मलयेशिया सरकार की ओर से शुरू हुआ बताया जा रहा है। हंटर का कहना है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय दमन का मामला है, जिसमें एक देश दूसरे देश से आलोचकों को दबाने में मदद लेता है।
मरे हंटर थाईलैंड के दक्षिणी हिस्से में रहते हैं। उन्हें बैंकॉक एयरपोर्ट से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वो हांगकांग जाने वाली फ्लाइट पकड़ने वाले थे। गिरफ्तारी के बाद उन्हें एक रात जेल में रखा गया और फिर 20,000 थाई बहत (करीब ₹51,000 रुपये) की जमानत पर रिहा कर दिया गया। अब उन्हें 17 नवंबर को कोर्ट में पेश होना है।
हंटर पर कौन-कौन से आरोप लगे हैं?
हंटर पर लगे आरोप को आप ऐसे समझिए कि उन्होंने 2024 में अपने ऑनलाइन ब्लॉग पर मलयेशिया की संस्थाओं को लेकर कुछ लेख लिखे, जो कथित तौर पर मलयेशिया की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। यह शिकायत मलयेशिया की कम्युनिकेशंस एंड मल्टीमीडिया कमीशन (एमसीएमसी) की ओर से की गई है। ऐसे में हंटर का दावा है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी और जो समन भेजे गए थे, वो उनके पास नहीं पहुंचे। जब एक समन उनके पड़ोसी ने भेजा, तब वहां के स्थानीय पुलिस ने भी इसे संभावित धोखाधड़ी बताया था।
मरे हंटर थाईलैंड के दक्षिणी हिस्से में रहते हैं। उन्हें बैंकॉक एयरपोर्ट से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वो हांगकांग जाने वाली फ्लाइट पकड़ने वाले थे। गिरफ्तारी के बाद उन्हें एक रात जेल में रखा गया और फिर 20,000 थाई बहत (करीब ₹51,000 रुपये) की जमानत पर रिहा कर दिया गया। अब उन्हें 17 नवंबर को कोर्ट में पेश होना है।
हंटर पर कौन-कौन से आरोप लगे हैं?
हंटर पर लगे आरोप को आप ऐसे समझिए कि उन्होंने 2024 में अपने ऑनलाइन ब्लॉग पर मलयेशिया की संस्थाओं को लेकर कुछ लेख लिखे, जो कथित तौर पर मलयेशिया की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। यह शिकायत मलयेशिया की कम्युनिकेशंस एंड मल्टीमीडिया कमीशन (एमसीएमसी) की ओर से की गई है। ऐसे में हंटर का दावा है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं थी और जो समन भेजे गए थे, वो उनके पास नहीं पहुंचे। जब एक समन उनके पड़ोसी ने भेजा, तब वहां के स्थानीय पुलिस ने भी इसे संभावित धोखाधड़ी बताया था।
