जीएसटी दरों में कमी से झूमा बाजार, ग्रामीण क्षेत्र से उद्योग जगत को उम्मीद
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- September 29, 2025
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नई दिल्ली। जीएसटी सुधारों के बाद घरेलू उपयोग की चीजों के साथ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, वाहनों, कपड़ों और खिलौनों के बाजार में तेजी दिखाई दे रही है। लेकिन इस सीजन में भी उद्योग जगत को शहरी क्षेत्रों की तुलना में देश का ग्रामीण इलाका ज्यादा उम्मीद लेकर आया है।
केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में कमी के साथ ही दावा किया था कि इस बार त्योहारों का सीजन ग्राहकों के साथ-साथ उद्यमियों और व्यापारियों के लिए ज्यादा खुशियों भरा होगा। उम्मीद के अनुसार ही नवरात्रों की शुरुआत से ही बाजार में तेजी दिखने लगी है। घरेलू उपयोग की चीजों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, वाहनों, कपड़ों और खिलौनों के बाजार में तेजी दिखाई दे रही है। लेकिन इस सीजन में भी उद्योग जगत को शहरी क्षेत्रों की तुलना में देश का ग्रामीण इलाका ज्यादा उम्मीद लेकर आया है। इन क्षेत्रों में वाहनों के साथ-साथ कंज्यूमर गुड्स की खपत में तेज बढ़ोतरी देखी जा रही है।
देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होने का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों को ही मिला है। कृषि के अलावा गैर कृषि कार्यों में जुड़े लोगों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है। इससे लोगों की खरीद क्षमता का असर पड़ा है। इससे लोग अपनी आवश्यकता के लिए पर्याप्त खरीदारी कर रहे हैं। उद्योग जगत के लिए यह आशा की किरण बनकर उभरा है।
एफएमसीजी उत्पादों की खपत में बढ़ोतरी
ग्रामीण इलाकों में लोगों के खानपान में भी तेजी से परिवर्तन आया है। बिस्कुट, नमकीन, कुरकुरे, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक्स, जल्दी तैयार होने वाले नाश्तों जैसी वस्तुओं के लिए ग्रामीण बाजार नए हाट स्पॉट बनकर उभरे हैं। शहरी क्षेत्रों में इन वस्तुओं की खपत पहले ही अपने अधिकतम स्थिति में है। इसके अलावा लोग अब स्वास्थ्य कारणों से इसके उपयोग को लेकर सावधान हो रहे हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में इसे लोग अपनी नई लाइफ स्टाइल का हिस्सा बना रहे हैं। इससे इन वस्तुओं की खपत ग्रामीण इलाकों में तेजी से बढ़ रही है।
वाहनों की बिक्री में भी तेजी
ग्रामीण बाजार वाहन उद्योग के लिए बड़ा बाजार साबित हो रहा है। केंद्र सरकार के द्वारा जीएसटी दरों में कमी के बाद वाहनों की कीमतों में 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की कमी आई है। विशेषकर छोटी कारों की कीमतों में 50 हजार से एक लाख रूपये तक की कमी हुई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में यह ज्यादा लोगों की खरीद क्षंमता के अंदर आ गई हैं। इसका सीधा असर छोटी कारों की ग्रामीण इलाकों में बढ़ती खरीद से जोड़ा जा रहा है। यही स्थिति मिड रेंज की कारों आठ लाख रूपये से लेकर 20 लाख रूपये तक की रेंज की कारों के मामले में देखी जा रही है। कृषि क्षेत्र में उपकरणों की खरीद पर कम हुई जीएसटी के कारण इन इलाकों में ट्रैक्टर जैसे वाहनों और अन्य मशीनों की खरीद में बढ़ोतरी हुई है।
देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होने का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों को ही मिला है। कृषि के अलावा गैर कृषि कार्यों में जुड़े लोगों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है। इससे लोगों की खरीद क्षमता का असर पड़ा है। इससे लोग अपनी आवश्यकता के लिए पर्याप्त खरीदारी कर रहे हैं। उद्योग जगत के लिए यह आशा की किरण बनकर उभरा है।
एफएमसीजी उत्पादों की खपत में बढ़ोतरी
ग्रामीण इलाकों में लोगों के खानपान में भी तेजी से परिवर्तन आया है। बिस्कुट, नमकीन, कुरकुरे, चिप्स, कोल्ड ड्रिंक्स, जल्दी तैयार होने वाले नाश्तों जैसी वस्तुओं के लिए ग्रामीण बाजार नए हाट स्पॉट बनकर उभरे हैं। शहरी क्षेत्रों में इन वस्तुओं की खपत पहले ही अपने अधिकतम स्थिति में है। इसके अलावा लोग अब स्वास्थ्य कारणों से इसके उपयोग को लेकर सावधान हो रहे हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में इसे लोग अपनी नई लाइफ स्टाइल का हिस्सा बना रहे हैं। इससे इन वस्तुओं की खपत ग्रामीण इलाकों में तेजी से बढ़ रही है।
वाहनों की बिक्री में भी तेजी
ग्रामीण बाजार वाहन उद्योग के लिए बड़ा बाजार साबित हो रहा है। केंद्र सरकार के द्वारा जीएसटी दरों में कमी के बाद वाहनों की कीमतों में 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की कमी आई है। विशेषकर छोटी कारों की कीमतों में 50 हजार से एक लाख रूपये तक की कमी हुई है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में यह ज्यादा लोगों की खरीद क्षंमता के अंदर आ गई हैं। इसका सीधा असर छोटी कारों की ग्रामीण इलाकों में बढ़ती खरीद से जोड़ा जा रहा है। यही स्थिति मिड रेंज की कारों आठ लाख रूपये से लेकर 20 लाख रूपये तक की रेंज की कारों के मामले में देखी जा रही है। कृषि क्षेत्र में उपकरणों की खरीद पर कम हुई जीएसटी के कारण इन इलाकों में ट्रैक्टर जैसे वाहनों और अन्य मशीनों की खरीद में बढ़ोतरी हुई है।
