जीत का चौका लगाने के बाद रिंकू ने भरी हुंकार, एशिया कप की जीत पर मना जश्न
- खेल राष्ट्रीय विदेश
Political Trust
- September 29, 2025
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दुबई। भारतीय टीम ने नौवीं बार एशिया कप का खिताब जीत लिया है। दुबई में खेले गए फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हरा दिया। आखिरी ओवर में टीम इंडिया को जीत के लिए 10 रन की दरकार थी। हारिस रऊफ के पास आखिरी ओवर में गेंद थी, जबकि स्ट्राइक पर तिलक वर्मा थे। पहली गेंद पर पहली गेंद पर तिलक ने दो रन लिए। इसके बाद दूसरी गेंद पर उन्होंने शानदार छक्का लगाया। इसके बाद तीसरी गेंद पर तिलक ने एक रन लिया और रिंकू सिंह को स्ट्राइक दिया। चौथी गेंद पर रिंकू ने चौका लगाकर एशिया कप का खिताब जीत लिया। मैच के बाद भारतीय खिलाड़ी काफी जोश में दिखे और उन्होंने पाकिस्तान को आईना दिखाने के बाद आक्रामक जश्न मनाया। कोच गौतम गंभीर भी आक्रामक नजर आए। मैच के बाद कई खिलाड़ियों ने प्रतिक्रियाएं दीं।
पूरे टूर्नामेंट में हम अपराजित रहे
शुभमन गिल ने कहा, ‘बहुत अच्छा लग रहा है। पूरे टूर्नामेंट में हम अपराजित रहे और यह अद्भुत एहसास है।’ अभिषेक के साथ बल्लेबाजी पर गिल ने कहा, ‘हमने लगभग अपना सारा क्रिकेट साथ में खेला है। हम एक-दूसरे को पूरी तरह समझते हैं और उनके साथ बल्लेबाजी करना कमाल का अनुभव है। उन्होंने इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। वह नॉन-स्ट्राइकर पर खड़े बल्लेबाज से दबाव हटा देते हैं। हमारी बातचीत यही थी कि मैच को जितना गहरा ले जा सकते हैं, ले जाएं। लक्ष्य बड़ा नहीं था, लेकिन तीन शुरुआती विकेट गिरने के बाद यह कभी आसान नहीं होता। जिस तरह संजू और तिलक ने बल्लेबाजी की और दुबे ने छक्के लगाए, वह शानदार था। जब तीन ओवर में 30 रन चाहिए थे तब भी कोई घबराहट नहीं थी, लेकिन पिच धीमी थी और बाउंड्री बड़ी थी। जिस तरह दोनों बल्लेबाजों ने पहले दबाव झेला और फिर मैच को खत्म किया, वह शानदार था।’
स्पिन अभी भी भारत की ताकत
कुलदीप यादव ने कहा, ‘बिलकुल स्पिन अभी भी भारत की ताकत है बड़े मैच जीतने की। मिडिल ओवरों में गेंदबाजी करना बहुत अहम है। और हमारे पास मैं, वरुण और अक्षर एक साथ खेलते हैं, तो यह हमारे लिए एक लक्जरी जैसा है। हर किसी की अलग भूमिका है। उन्होंने शुरुआत बहुत अच्छी की थी। 10-11 ओवर के बाद उनका स्कोर 100/1 था। हमें पता था कि अगर हम उस समय एक-दो विकेट निकाल लें तो नए बल्लेबाज के लिए रन बनाना आसान नहीं होगा। जब मैं अपना चौथा ओवर डाल रहा था, तब मेरा मकसद उन्हें आउट करना ही था। मैच से पहले हरी (टीम एनालिस्ट) ने मुझे उन लेंथ्स का स्क्रीनशॉट भेजा था जहां मुझे बल्लेबाजों को गेंदबाजी करनी थी। और तिलक का मास्टरक्लास था, वह आज अविश्वसनीय थे।’
मेरा मकसद विकेट लेना था
वरुण चक्रवर्ती ने कहा, ‘मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। उस समय मेरा मकसद विकेट लेना था, क्योंकि फखर और फरहान अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे। मैंने कुछ प्लान बनाए थे और वो कामयाब रहे। उसके बाद कुलदीप आए और काम पूरा किया। इससे मुझे KKR के साथ खेलने की याद आ गई। कुलदीप हमेशा से स्टार रहे हैं। अगर आप देखें तो पिछले कुछ मैचों में पहले 10 ओवर में टीमें तेजी से रन बना रही थीं और विकेट नहीं गिर रहे थे। हमें पता था कि अगर सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करें तो हम उन्हें रोक सकते हैं। और मैं हरी (टीम एनालिस्ट) का भी जिक्र करना चाहूंगा, जिन्होंने पर्दे के पीछे बहुत मेहनत की है। उन्हें भी पूरा श्रेय जाता है।’
लड़कों ने पिच और गेंद की स्थिति को बहुत अच्छे से समझा
मॉर्ने मॉर्कल ने कहा, ‘मुझे लगता है लड़कों ने पिच और गेंद की स्थिति को बहुत अच्छे से समझा। शिवम दुबे को पहली बार नई गेंद से ओपनिंग करने का मौका मिला और उन्होंने शानदार शुरुआत कराई। और जिस तरह उन्होंने बल्ले से मैच खत्म किया, वह भी शानदार था। मिडिल ओवर में स्पिनर्स बेहतरीन रहे और शिवम ने बढ़िया काम किया। टूर्नामेंट से पहले हमने प्लान बनाया था कि यह मौका उन्हें दिया जा सकता है। हार्दिक की चोट के बाद उन्हें आगे आना पड़ा और उन्होंने जिम्मेदारी बहुत अच्छे से निभाई। (टीम ट्रेनिंग पर) सेशंस बहुत फोकस्ड थे। खिलाड़ियों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी खुद को मैच के लिए तैयार करने में। दुबई में काफी गर्मी थी इसलिए हमें खिलाड़ियों को सही तरीके से मैनेज करना पड़ा। टूर्नामेंट के आखिर में कई बैक-टू-बैक मैच थे, इसलिए रिकवरी महत्वपूर्ण थी। फाइनल से पहले हमें टीम को शांत और तैयार रखना था। आखिरी ओवरों में हमारे खिलाड़ियों ने अनुभव दिखाया और शिवम ने तिलक के साथ साझेदारी को गहराई तक ले जाकर मैच फिनिश किया।’
रिंकू सिंह ने कहा, ‘और कुछ मायने नहीं रखता। बस यह एक गेंद मायने रखती थी। एक रन चाहिए था, मैंने चौका मारा। सब जानते हैं मैं फिनिशर हूं। टीम जीती और मैं बहुत खुश हूं।’
शुभमन गिल ने कहा, ‘बहुत अच्छा लग रहा है। पूरे टूर्नामेंट में हम अपराजित रहे और यह अद्भुत एहसास है।’ अभिषेक के साथ बल्लेबाजी पर गिल ने कहा, ‘हमने लगभग अपना सारा क्रिकेट साथ में खेला है। हम एक-दूसरे को पूरी तरह समझते हैं और उनके साथ बल्लेबाजी करना कमाल का अनुभव है। उन्होंने इस टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। वह नॉन-स्ट्राइकर पर खड़े बल्लेबाज से दबाव हटा देते हैं। हमारी बातचीत यही थी कि मैच को जितना गहरा ले जा सकते हैं, ले जाएं। लक्ष्य बड़ा नहीं था, लेकिन तीन शुरुआती विकेट गिरने के बाद यह कभी आसान नहीं होता। जिस तरह संजू और तिलक ने बल्लेबाजी की और दुबे ने छक्के लगाए, वह शानदार था। जब तीन ओवर में 30 रन चाहिए थे तब भी कोई घबराहट नहीं थी, लेकिन पिच धीमी थी और बाउंड्री बड़ी थी। जिस तरह दोनों बल्लेबाजों ने पहले दबाव झेला और फिर मैच को खत्म किया, वह शानदार था।’
स्पिन अभी भी भारत की ताकत
कुलदीप यादव ने कहा, ‘बिलकुल स्पिन अभी भी भारत की ताकत है बड़े मैच जीतने की। मिडिल ओवरों में गेंदबाजी करना बहुत अहम है। और हमारे पास मैं, वरुण और अक्षर एक साथ खेलते हैं, तो यह हमारे लिए एक लक्जरी जैसा है। हर किसी की अलग भूमिका है। उन्होंने शुरुआत बहुत अच्छी की थी। 10-11 ओवर के बाद उनका स्कोर 100/1 था। हमें पता था कि अगर हम उस समय एक-दो विकेट निकाल लें तो नए बल्लेबाज के लिए रन बनाना आसान नहीं होगा। जब मैं अपना चौथा ओवर डाल रहा था, तब मेरा मकसद उन्हें आउट करना ही था। मैच से पहले हरी (टीम एनालिस्ट) ने मुझे उन लेंथ्स का स्क्रीनशॉट भेजा था जहां मुझे बल्लेबाजों को गेंदबाजी करनी थी। और तिलक का मास्टरक्लास था, वह आज अविश्वसनीय थे।’
मेरा मकसद विकेट लेना था
वरुण चक्रवर्ती ने कहा, ‘मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। उस समय मेरा मकसद विकेट लेना था, क्योंकि फखर और फरहान अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे। मैंने कुछ प्लान बनाए थे और वो कामयाब रहे। उसके बाद कुलदीप आए और काम पूरा किया। इससे मुझे KKR के साथ खेलने की याद आ गई। कुलदीप हमेशा से स्टार रहे हैं। अगर आप देखें तो पिछले कुछ मैचों में पहले 10 ओवर में टीमें तेजी से रन बना रही थीं और विकेट नहीं गिर रहे थे। हमें पता था कि अगर सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी करें तो हम उन्हें रोक सकते हैं। और मैं हरी (टीम एनालिस्ट) का भी जिक्र करना चाहूंगा, जिन्होंने पर्दे के पीछे बहुत मेहनत की है। उन्हें भी पूरा श्रेय जाता है।’
लड़कों ने पिच और गेंद की स्थिति को बहुत अच्छे से समझा
मॉर्ने मॉर्कल ने कहा, ‘मुझे लगता है लड़कों ने पिच और गेंद की स्थिति को बहुत अच्छे से समझा। शिवम दुबे को पहली बार नई गेंद से ओपनिंग करने का मौका मिला और उन्होंने शानदार शुरुआत कराई। और जिस तरह उन्होंने बल्ले से मैच खत्म किया, वह भी शानदार था। मिडिल ओवर में स्पिनर्स बेहतरीन रहे और शिवम ने बढ़िया काम किया। टूर्नामेंट से पहले हमने प्लान बनाया था कि यह मौका उन्हें दिया जा सकता है। हार्दिक की चोट के बाद उन्हें आगे आना पड़ा और उन्होंने जिम्मेदारी बहुत अच्छे से निभाई। (टीम ट्रेनिंग पर) सेशंस बहुत फोकस्ड थे। खिलाड़ियों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी खुद को मैच के लिए तैयार करने में। दुबई में काफी गर्मी थी इसलिए हमें खिलाड़ियों को सही तरीके से मैनेज करना पड़ा। टूर्नामेंट के आखिर में कई बैक-टू-बैक मैच थे, इसलिए रिकवरी महत्वपूर्ण थी। फाइनल से पहले हमें टीम को शांत और तैयार रखना था। आखिरी ओवरों में हमारे खिलाड़ियों ने अनुभव दिखाया और शिवम ने तिलक के साथ साझेदारी को गहराई तक ले जाकर मैच फिनिश किया।’
रिंकू सिंह ने कहा, ‘और कुछ मायने नहीं रखता। बस यह एक गेंद मायने रखती थी। एक रन चाहिए था, मैंने चौका मारा। सब जानते हैं मैं फिनिशर हूं। टीम जीती और मैं बहुत खुश हूं।’
