रुपये में गिरावट का दौर जारी? 48 पैसे टूटकर 88.76 प्रति डॉलर के निचले स्तर पर

 रुपये में गिरावट का दौर जारी? 48 पैसे टूटकर 88.76 प्रति डॉलर के निचले स्तर पर
नई दिल्ली। विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि से भारत के आईटी क्षेत्र से धन प्रेषण और संभावित इक्विटी बिकवाली से जुड़ी चिंताएं पैदा हो गई हैं। यह भारतीय मुद्रा के लिए दोहरी मार है, ऐसे समय में जब इस वर्ष विदेशी निवेश पहले से ही कमजोर है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एच-1बी वीजा शुल्क में भारी वृद्धि से बाजार में उथल-पुथल मचने के बीच मंगलवार को रुपये में गिरावट जारी रही। दोपहर के कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 48 पैसे की गिरावट आई और यह अब तक के सबसे निचले स्तर 88.76 पर आ गया।
क्यों नहीं थम रहा रुपये में गिरावट का दौर?
विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि से भारत के आईटी क्षेत्र से धन प्रेषण और संभावित इक्विटी बिकवाली से जुड़ी चिंताएं पैदा हो गई हैं। यह भारतीय मुद्रा के लिए दोहरी मार है, ऐसे समय में जब इस वर्ष विदेशी निवेश पहले से ही कमजोर है।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को रुपया 88.41 पर खुला। इसके बाद यह कमजोर होकर डॉलर के मुकाबले 88.76 के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। इस तरह इसमें पिछले बंद भाव के मुकाबले 48 पैसे की गिरावट दर्ज की गई। सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे गिरकर 88.28 पर बंद हुआ था।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि रुपया रिकॉर्ड निम्न स्तर की ओर जा रहा है। बाजार से जुड़े प्रतिभागी अमेरिका के नए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर के एच-1बी वीजा शुल्क के संभावित नतीजों का विश्लेषण कर रहे हैं। अमेरिकी प्रशासन के इस फैसले से अमेरिका से भारत को होने वाले धन प्रेषण में मंदी आ सकती है। इससे अमेरिका को भारत के सेवा निर्यात में भी कमी आ सकती है। जानकारों के मुताबिक वैश्विक जोखिम से बचने की प्रवृत्ति और व्यापारिक नीति की अनिश्चितता ने भी रुपये की कमजोरी को बढ़ावा दिया है।