चांदी की हॉलमार्किंग की जाएगी अनिवार्य, अगले छह माह में होगी लागू

 चांदी की हॉलमार्किंग की जाएगी अनिवार्य, अगले छह माह में होगी लागू
नई दिल्ली। सरकार सोने की तर्ज पर अगले छह महीने में चांदी की हॉलमार्किंग को भी अनिवार्य करेगी। एक सितंबर से देशभर में चांदी के आभूषणों और वस्तुओं की स्वैच्छिक आधार पर हॉलमार्किंग हो रही है।
भारत मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद तिवारी ने कहा, अभी इसका परीक्षण किया जा रहा है और इसके बाद अनिवार्य कर दिया जाएगा। देश में पहले से ही सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग है, इसलिए चांदी के लिहाज से कोई बड़ा संकट नहीं होगा। बीआईएस प्रमुख ने कहा, चांदी की हॉलमार्किंग से उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा होगी। उन्हें चांदी की 100 फीसदी शुद्धता का भरोसा मिलेगा। दुकानदार भी ग्राहकों को धोखा नहीं दे सकेंगे। ग्राहकों का भरोसा मजबूत होगा, उन्हें मिलावटी धातु से तैयार महंगे सामानों से निजात मिलेगी। चांदी की हॉलमार्किंग में बीआईएस का चिन्ह, गुणवत्ता का मानक, और एचयूआईडी नंबर होगा। सरकार ने चांदी की शुद्धता के छह स्तर तय किए हैं, जिनके आधार पर धातु की शुद्धता को परखा जा सकेगा।
सरकार ने चांदी के गहनों की स्वैच्छिक हॉलमार्किंग शुरू की
बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने विगत 4 सितंबर को कहा था कि एक सितंबर से चांदी के गहनों और अन्य वस्तुओं के लिए स्वैच्छिक हॉलमार्किंग शुरू कर दी गई है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने आईएस 2112:2025 के प्रकाशन के साथ हॉलमार्किंग मानक को संशोधित किया है। यह पहले के 2112:2014 आईएस संस्करण का स्थान लेगा। बयान के मुताबिक, नई प्रणाली के तहत उपभोक्ता बीआईएस केयर मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग कर एक सितंबर, 2025 के बाद हॉलमार्क किए गए चांदी के आभूषणों के प्रकार, शुद्धता ग्रेड, हॉलमार्किंग तिथि, परीक्षण केंद्र का विवरण और जौहरी पंजीकरण संख्या की पहचान कर सकते हैं। संशोधित मानक में सात शुद्धता ग्रेड शामिल किए गए हैं, जिनमें दो नए हैं।