122 वर्षों के बाद महालयारंभ की पूर्णिमा में मिल रहा है यह सुयोग
- दिल्ली राष्ट्रीय हमारी संस्कृति
Political Trust
- September 6, 2025
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नई दिल्ली। भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 7 सितंबर 2025 के दिन रविवार को 122 वर्षों के बाद चंद्र ग्रहण लग रहा है। जिसे भारत में स्पर्श से लेकर मोक्ष तक देखा जा सकता है।
पंडित मुरारी श्याम पांडेय बताते हैं कि 7 सितंबर को चंद्रग्रहण का स्पर्श रात्रि 9:57 बजे, मध्य 11:49 बजे व मोक्ष 1:27 बजे होगा। चंद्र ग्रहण वाराणसी एवं उसके आस-पास इस समय पर होगा।
ग्रहण का सूतक दिन में 12:57 बजे से प्रारंभ हो जाएगा, अतः भोजन सूतक से पहले ही ग्रहण कर लें। 122 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद महालयारंभ से पहले पूर्णिमा की रात्रि में यह सुयोग प्राप्त हो रहा है। शतभिषानक्षत्र तथा कुंभ राशि के जातकों को चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए। चंद्रग्रहण में 9 घंटे पूर्व ही सूतक लग जाता है। खाने पीने वाली वस्तुओं पर तुलसीदल अथवा कुश रख देना चाहिए। ग्रहण काल में कुछ भी खाना नहीं चाहिए। ग्रहण के दौरान भगवन नाम जप विशेष लाभदायी है।
महंत विवेकानंद ने बताया कि 7-8 सितंबर की मध्य रात्रि में 9:57 से 1:27 तक कपाट बंद रहेगा। इस दौरान कोई दर्शन नहीं किया जा सकेगा। शहर से लेकर गांव तक के सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
ग्रहण का सूतक दिन में 12:57 बजे से प्रारंभ हो जाएगा, अतः भोजन सूतक से पहले ही ग्रहण कर लें। 122 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद महालयारंभ से पहले पूर्णिमा की रात्रि में यह सुयोग प्राप्त हो रहा है। शतभिषानक्षत्र तथा कुंभ राशि के जातकों को चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए। चंद्रग्रहण में 9 घंटे पूर्व ही सूतक लग जाता है। खाने पीने वाली वस्तुओं पर तुलसीदल अथवा कुश रख देना चाहिए। ग्रहण काल में कुछ भी खाना नहीं चाहिए। ग्रहण के दौरान भगवन नाम जप विशेष लाभदायी है।
महंत विवेकानंद ने बताया कि 7-8 सितंबर की मध्य रात्रि में 9:57 से 1:27 तक कपाट बंद रहेगा। इस दौरान कोई दर्शन नहीं किया जा सकेगा। शहर से लेकर गांव तक के सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।