राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नया आयकर विधेयक बना कानून, 1 अप्रैल 2026 से होगा लागू
- दिल्ली राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- August 23, 2025
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नई दिल्ली। आयकर विधेयक 2025, 12 अगस्त को संसद से पारित हुआ। नया कानून के मुताबिक इसके कोई नई कर दर लागू नहीं होगी। ये केवल कानून की भाषा को सरल बनाता है। जटिल आयकर प्रावधानों को समझने के लिए यह बदलाव जरूरी थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आयकर विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी है, यह पुराने आयकर अधिनियम, 1961 का स्थान लेगा। आयकर अधिनियम 2025, अगले वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। नया अधिनियम पुराने कर कानूनों को सरल बनाएगा और कानून में शब्दों की अधिकता को कम करेगा, जिससे इसे समझना आसान हो जाएगा।
आयकर विभाग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आयकर अधिनियम, 2025 को 21 अगस्त, 2025 को माननीय राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। यह 1961 के अधिनियम का स्थान लेने वाला एक ऐतिहासिक सुधार है, जो एक सरल, पारदर्शी और अनुपालन-अनुकूल प्रत्यक्ष कर व्यवस्था की शुरुआत करता है।”
आयकर विधेयक, 2025, 12 अगस्त को संसद की पारित किया गया। नया अधिनियम कोई नई कर दर लागू नहीं करता है और केवल भाषा को सरल बनाता है, जो जटिल आयकर कानूनों को समझने के लिए आवश्यक था।
नया कानून अनावश्यक प्रावधानों और पुरानी भाषा को हटाता है तथा आयकर अधिनियम 1961 में धाराओं की संख्या 819 से घटाकर 536 कर देता है तथा अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 कर देता है।
नये आयकर अधिनियम में शब्दों की संख्या 5.12 लाख से घटाकर 2.6 लाख कर दी गई है, तथा पहली बार इसमें स्पष्टता बढ़ाने के लिए 1961 के कानून के सघन पाठ के स्थान पर 39 नई सारणियां और 40 नए सूत्र शामिल किए गए हैं।
नए आयकर विधेयक में पुराने कानून को सुव्यवस्थित करने का दावा
नए आयकर कानून में टीडीएस, छूट और अन्य जटिल अनुपालनों को सुव्यवस्थित करने की बात कही गई है। यह कानून देरी से दाखिल किए गए आयकर रिटर्न के मामलों में भी बिना किसी दंड के रिफंड का दावा करने की अनुमति देता है। नया संशोधित आयकर बिल लोकसभा में ऐसे समय में पारित किया गया जब विपक्षी दल बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में बरती जा रही अनियमितताओं के आरोपों के विरोध में हंगामा कर रहे थे।
सिफारिशों के साथ लाया गया नया आयकर विधेयक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया आयकर विधेयक फरवरी 2025 में लोकसभा में पेश किया था। उसके बाद इस बिल को प्रवर समिति को भेज दिया गया था। प्रवर समिति की सिफारिशों के बाद 8 अगस्त को सरकार ने आयकर विधेयक वापस ले लिया और सोमवार को एक संशोधित विधेयक सदन में पेश किया। इस विधेयक में संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल किया गया था। इस बिल पर विपक्ष के हंगामे के बीच मतदान हुआ और यह ध्वनिमत से पारित हो गया। इस कानून को राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई।
आयकर विधेयक, 2025, 12 अगस्त को संसद की पारित किया गया। नया अधिनियम कोई नई कर दर लागू नहीं करता है और केवल भाषा को सरल बनाता है, जो जटिल आयकर कानूनों को समझने के लिए आवश्यक था।
नया कानून अनावश्यक प्रावधानों और पुरानी भाषा को हटाता है तथा आयकर अधिनियम 1961 में धाराओं की संख्या 819 से घटाकर 536 कर देता है तथा अध्यायों की संख्या 47 से घटाकर 23 कर देता है।
नये आयकर अधिनियम में शब्दों की संख्या 5.12 लाख से घटाकर 2.6 लाख कर दी गई है, तथा पहली बार इसमें स्पष्टता बढ़ाने के लिए 1961 के कानून के सघन पाठ के स्थान पर 39 नई सारणियां और 40 नए सूत्र शामिल किए गए हैं।
नए आयकर विधेयक में पुराने कानून को सुव्यवस्थित करने का दावा
नए आयकर कानून में टीडीएस, छूट और अन्य जटिल अनुपालनों को सुव्यवस्थित करने की बात कही गई है। यह कानून देरी से दाखिल किए गए आयकर रिटर्न के मामलों में भी बिना किसी दंड के रिफंड का दावा करने की अनुमति देता है। नया संशोधित आयकर बिल लोकसभा में ऐसे समय में पारित किया गया जब विपक्षी दल बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में बरती जा रही अनियमितताओं के आरोपों के विरोध में हंगामा कर रहे थे।
सिफारिशों के साथ लाया गया नया आयकर विधेयक
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया आयकर विधेयक फरवरी 2025 में लोकसभा में पेश किया था। उसके बाद इस बिल को प्रवर समिति को भेज दिया गया था। प्रवर समिति की सिफारिशों के बाद 8 अगस्त को सरकार ने आयकर विधेयक वापस ले लिया और सोमवार को एक संशोधित विधेयक सदन में पेश किया। इस विधेयक में संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल किया गया था। इस बिल पर विपक्ष के हंगामे के बीच मतदान हुआ और यह ध्वनिमत से पारित हो गया। इस कानून को राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई।