थैले से नवजात बेटे की लाश निकालकर रोते हुए पिता ने DM से पूछा… इसकी मां को क्या जवाब दूं साहब! इसे जिंदा कर दो

 थैले से नवजात बेटे की लाश निकालकर रोते हुए पिता ने DM से पूछा… इसकी मां को क्या जवाब दूं साहब! इसे जिंदा कर दो
लखीमपुर। थैले से नवजात बेटे की लाश निकालकर रोते हुए पिता ने DM से पूछा… इसकी मां को क्या जवाब दूं साहब! इसे जिंदा कर दो। ये व्यथा एक पिता की थी। जो बेटे की लाश को थैले में लेकर अधिकारियों के चक्कर काट रहा था।
पीड़ित को सांत्वना देने के बाद सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता और एसडीएम सदर अश्विनी कुमार सिंह दलबल के साथ गोलदार अस्पताल पहुंचे। टीम ने जांच शुरू की और डीएम को मामले से अवगत कराया। डीएम के निर्देश पर अस्पताल को सील कर दिया गया।
नवजात बेटे की मौत के बाद पीड़ित पिता काफी देर तक भटकता रहा। हाथ में टंगे थैले में शिशु का शव लेकर पिता विपिन जब कलक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय में चल रही बैठक में पहुंचा तो थैले में शव देखकर अधिकारियों के भी पसीने छूट गए।
आप बता दो कि इसकी मां को क्या जवाब दें
अधिकारियों की चौखट पर पहुंचा विपिन रोता-बिलखता रहा। बीच-बीच में अपना दर्द समेटकर वह अधिकारियों से बस एक ही बात कहता रहा कि साहब किसी तरह बच्चे को जिंदा कर दो। इसकी मां दूसरे अस्पताल में भर्ती है। उसे बताया है कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है, इसलिए दूसरी जगह भर्ती कराया है। आप ही बता दो कि इसकी मां को क्या जवाब दें। पीड़ित की व्यथा सुनकर अधिकारियों का भी दिल पसीज गया।
अस्पताल को सील कर दिया गया
पीड़ित को सांत्वना देने के बाद सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता और एसडीएम सदर अश्विनी कुमार सिंह दलबल के साथ गोलदार अस्पताल पहुंचे। टीम ने जांच शुरू की और डीएम को मामले से अवगत कराया। डीएम के निर्देश पर अस्पताल को सील कर दिया गया। वहीं, अस्पताल में भर्ती तीन मरीजों को जिला महिला अस्पताल शिफ्ट कराया।
सात वर्ष का है एक बेटा
विपिन के घर में सात साल बाद खुशी का मौका आया था, मगर पहले ही यह मौका छिन गया। विपिन का सात वर्ष का एक बेटा है। अब दूसरी संतान घर में आनी थी।