ओएनजीसी ने हाइड्रोकार्बन भंडारों की खोज के लिए आईएफपीएन के साथ किया समझौता
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- August 22, 2025
- 0
- 168
- 1 minute read

नई दिल्ली। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के केंद्रीय मंत्री, हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, बताया कि तेल और प्राकृतिक गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC), एक महारत्ना केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSE) और भारत की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता, जटिल तकनीकी अध्ययन के लिए अनुभवी और विशेषज्ञता के साथ संलग्न हैं। ओएनजीसी ने हाइड्रोकार्बन भंडारों की खेज के लिए आईएफपीएन के साथ समझौता किया है।
उन्होंने बताया कि इनमें पारगम्य जलाशयों का मॉडलिंग, गहरे पानी के उपसतह अध्ययन और उत्पादन वृद्धि के लिए डेटा की व्याख्या शामिल है। इस तरह के अध्ययनों में अत्यधिक विशिष्ट डोमेन ज्ञान, पेटेंट सॉफ्टवेयर, उन्नत मॉडलिंग तकनीकों, अनुसंधान बुनियादी ढांचे और समय पर वितरण क्षमताओं की जरूरत होती है।
पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि दुनिया भर में केवल मुट्ठी भर इकाइयां ही ये विशेष सेवाएं प्रदान करती हैं। ऐसी ही एक इकाई मेसर्स बीनिसिपल-फ्रैनलैब है। जो फ्रांस सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत एक अत्याधुनिक और विश्व-स्वामित्व वाले अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) संस्थान, आईएफपीएन (इंस्टिटयूटी फ्रांकेइस डु पर्ट एनर्जीज़ नवेलल्स) के नियंत्रण में संचालित है। ifpen के पास इन विशेष क्षेत्रों में व्यापक वैश्विक अनुभव और मान्यता है, विशेष रूप से गहरे और अल्ट्रा-डी-वाटर अध्ययन में और पेटेंट किए गए स्वामित्व सॉफ्टवेयर के लिए जो तकनीकी रूप से जटिल है।
श्री पुरी ने कहा कि ओएनजीसी ने हाइड्रोकार्बन भंडारों की खोज और विकास तथा नवीकरणीय ऊर्जा सहित नई प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन के लिए संयुक्त अनुसंधान और तकनीकी सहयोग के लिए आईएफपीएन के साथ समझौता किया है। यह भी स्पष्ट किया गया कि ओएनजीसी अपने बोर्ड-अनुमोदित दिशानिर्देशों के अनुसार देश भर में बड़ी संख्या में अन्वेषण और उत्पादन परियोजनाओं का संचालन करती है, जो सामान्य वित्तीय नियमों (जीएफआर) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के अनुरूप हैं। परामर्श अनुबंधों के संदर्भ में यह दोहराया गया कि ओएनजीसी के पूर्वोत्तर क्षेत्र में मेसर्स बीनिसिपल-फ्रैनलैब को कोई अनुबंध नहीं दिया गया है। अन्य क्षेत्रों में भी पिछले पांच वर्षों के दौरान मेसर्स बीनिसिपल-फ्रैनलैब को दिए गए कार्यों का कुल मूल्य 6.5 करोड़ रुपये से कम है। पिछले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 33,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर उपरांत औसत लाभ (पीएटी) वाली कंपनी के परिचालन पैमाने की तुलना में यह मामूली प्रतिशत है।
पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि दुनिया भर में केवल मुट्ठी भर इकाइयां ही ये विशेष सेवाएं प्रदान करती हैं। ऐसी ही एक इकाई मेसर्स बीनिसिपल-फ्रैनलैब है। जो फ्रांस सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत एक अत्याधुनिक और विश्व-स्वामित्व वाले अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) संस्थान, आईएफपीएन (इंस्टिटयूटी फ्रांकेइस डु पर्ट एनर्जीज़ नवेलल्स) के नियंत्रण में संचालित है। ifpen के पास इन विशेष क्षेत्रों में व्यापक वैश्विक अनुभव और मान्यता है, विशेष रूप से गहरे और अल्ट्रा-डी-वाटर अध्ययन में और पेटेंट किए गए स्वामित्व सॉफ्टवेयर के लिए जो तकनीकी रूप से जटिल है।
श्री पुरी ने कहा कि ओएनजीसी ने हाइड्रोकार्बन भंडारों की खोज और विकास तथा नवीकरणीय ऊर्जा सहित नई प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन के लिए संयुक्त अनुसंधान और तकनीकी सहयोग के लिए आईएफपीएन के साथ समझौता किया है। यह भी स्पष्ट किया गया कि ओएनजीसी अपने बोर्ड-अनुमोदित दिशानिर्देशों के अनुसार देश भर में बड़ी संख्या में अन्वेषण और उत्पादन परियोजनाओं का संचालन करती है, जो सामान्य वित्तीय नियमों (जीएफआर) और केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के अनुरूप हैं। परामर्श अनुबंधों के संदर्भ में यह दोहराया गया कि ओएनजीसी के पूर्वोत्तर क्षेत्र में मेसर्स बीनिसिपल-फ्रैनलैब को कोई अनुबंध नहीं दिया गया है। अन्य क्षेत्रों में भी पिछले पांच वर्षों के दौरान मेसर्स बीनिसिपल-फ्रैनलैब को दिए गए कार्यों का कुल मूल्य 6.5 करोड़ रुपये से कम है। पिछले पांच वर्षों में प्रति वर्ष 33,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर उपरांत औसत लाभ (पीएटी) वाली कंपनी के परिचालन पैमाने की तुलना में यह मामूली प्रतिशत है।