यह पत्र मैं काफी भारी मन से लिख रहा हूं, रोज की बेइज्जती से बहुत परेशान आ चुका हूं! और फिर…

 यह पत्र मैं काफी भारी मन से लिख रहा हूं, रोज की बेइज्जती से बहुत परेशान आ चुका हूं! और फिर…
आगरा। यह पत्र मैं काफी भारी मन से और पूरी तरह से सोच समझकर लिख रहा हूं। अब मैं और अपशब्द, गाली-गलाैज नहीं सुन सकता। रोज की बेइज्जती से बहुत परेशान आ चुका हूं…। पत्र में यह लिखकर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की छीपीटोला स्थित हाउसिंग लोन शाखा के वरिष्ठ क्लर्क सुरेंद्र पाल सिंह लापता हो गए हैं।
दो दिन बाद भी उनका पता नहीं चला है। परिजन का आरोप है कि तीन थानों की पुलिस ने तहरीर नहीं ली। उन्होंने एक्स पर भी पोस्ट किया है। वो अब उनके साथ अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। सुरेंद्र पाल सिंह गांव सैमरी, देवरी रोड निवासी हैं। उनके छोटे भाई मनोज पाल सिंह भी गुजरात में बैंक में तैनात हैं।
उन्होंने बताया कि भाई का 3 महीने पहले मुख्य शाखा से स्थानांतरण लोन शाखा (आरएसीपीसी) में किया गया है। सुरेंद्र पाल की रीढ़ की हड्डी में समस्या होने के कारण कमर पर बेल्ट पहनकर ऑफिस जाते थे। अपने साथ दवा भी लेकर जाते थे।
मनोज पाल ने आरोप लगाया कि बड़े भाई को बैंक के एक अधिकारी परेशान करते थे। बेल्ट लगाकर आने को बहाना बताते थे। दवा खाने पर भी टोकते थे। उन्हें भाई की बीमारी ड्रामा लगती थी। कहते थे कि सहानुभूति के लिए बेल्ट पहनकर आते हो। दवा खाने के बहाने काम से बचने का आरोप लगाते थे। लोगों के सामने बेइज्जत करते थे।
इससे भाई परेशान हो गए थे। 18 अगस्त को वह बैंक आए थे। तभी उनके साथ फिर से अभद्रता की। इस पर सुरेंद्र पाल सुबह 11:50 बजे बैंक से निकल गए। शाम तकरीबन 5:30 बजे भांजे सचिन को फोन किया। उन्हें देवरी रोड बुलाकर बाइक दे दी। लिफाफे में पत्र थमा दिए। इसके बाद दवा लेने जाने की कहकर चले गए। तब से घर लाैटकर नहीं आए। उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ है।