वोट चोरी’ के आरोप पर चुनाव आयोग का पलटवार, राहुल से मांगा आंकड़ों सहित जवाब
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- August 14, 2025
- 0
- 89
- 1 minute read
नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची में कथित हेराफेरी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लगातार हमलों के बीच चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा कि ‘वोट चोरी’ जैसे गंदे शब्दों का इस्तेमाल करके झूठी कहानी गढ़ने के बजाय सबूत दिए जाने चाहिए। बता दें कि, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि 2024 के चुनावों में बंगलूरू मध्य लोकसभा के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा वोट चोरी हुए। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को अपने दावों पर एक लिखित शपथ-पत्र देने का निर्देश दिया था।
विपक्षी नेताओं के आरोपों पर पलटवार
अब चुनाव आयोग ने एक बार फिर से विपक्षी नेताओं के आरोपों पर पलटवार किया है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव समेत तमाम नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि बिना सबूत आरोप लगाने की बजाय लिखित में शिकायत दर्ज कराएं, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके। भारतीय चुनाव आयोग का कहना है कि ‘एक व्यक्ति एक वोट’ का कानून 1951-1952 में भारत के पहले चुनाव से ही अस्तित्व में है। अगर किसी के पास किसी भी चुनाव में किसी व्यक्ति की ओर से दो बार मतदान करने का कोई सबूत है, तो उसे बिना किसी सबूत के भारत के सभी मतदाताओं को ‘चोर’ बताने के बजाय एक लिखित हलफनामे के साथ चुनाव आयोग के साथ साझा किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने आगे कहा कि ‘वोट चोर’ जैसे गंदे शब्दों का इस्तेमाल करके हमारे मतदाताओं के लिए एक झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश न केवल करोड़ों भारतीय मतदाताओं पर सीधा हमला है, बल्कि लाखों चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर भी हमला है।
अब चुनाव आयोग ने एक बार फिर से विपक्षी नेताओं के आरोपों पर पलटवार किया है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव समेत तमाम नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि बिना सबूत आरोप लगाने की बजाय लिखित में शिकायत दर्ज कराएं, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके। भारतीय चुनाव आयोग का कहना है कि ‘एक व्यक्ति एक वोट’ का कानून 1951-1952 में भारत के पहले चुनाव से ही अस्तित्व में है। अगर किसी के पास किसी भी चुनाव में किसी व्यक्ति की ओर से दो बार मतदान करने का कोई सबूत है, तो उसे बिना किसी सबूत के भारत के सभी मतदाताओं को ‘चोर’ बताने के बजाय एक लिखित हलफनामे के साथ चुनाव आयोग के साथ साझा किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने आगे कहा कि ‘वोट चोर’ जैसे गंदे शब्दों का इस्तेमाल करके हमारे मतदाताओं के लिए एक झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश न केवल करोड़ों भारतीय मतदाताओं पर सीधा हमला है, बल्कि लाखों चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर भी हमला है।
