बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर: यूपी सरकार की गठित समिति को निलंबित नई कमेटी बनाने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- August 8, 2025
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नई दिल्ली। बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामले में प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक और समिति गठित करेगा। जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश करेंगे। समिति में सरकारी अधिकारी और मंदिर के पारंपरिक संरक्षक गोस्वामियों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को बांके बिहार मंदिर मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश श्री बांके बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट अध्यादेश के जरिए नियुक्ति समिति को निलंबित करने के लिए वे जल्द ही आदेश पारित करेंगे। यह समिति बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन के लिए बनाई गई है।
पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में नई समिति
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए वे याचिकाकर्ताओं को उच्च न्यायालय जाने को कहेंगे। जब तक उच्च न्यायालय इस मामले का फैसला नहीं सुना देता, तब तक अध्यादेश से गठित समिति निलंबित रहेगी। इस बीच, मंदिर के प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए, न्यायालय ने कहा कि वह एक और समिति गठित करेगा, जिसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश करेंगे। समिति में सरकारी अधिकारी और मंदिर के पारंपरिक संरक्षक गोस्वामियों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
हाईकोर्ट की सुनवाई पर लगाई रोक
जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि इसे लेकर कल आदेश अपलोड किया जाएगा। पीठ ने अध्यादेश को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की सुनवाई पर भी रोक लगाने का आदेश पारित किया। पीठ ने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया कि इस मामले को एक खंडपीठ को सौंप दिया जाए, क्योंकि कानूनों की संवैधानिकता से संबंधित मामलों की सुनवाई खंडपीठों द्वारा की जाती है।
पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में नई समिति
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के लिए वे याचिकाकर्ताओं को उच्च न्यायालय जाने को कहेंगे। जब तक उच्च न्यायालय इस मामले का फैसला नहीं सुना देता, तब तक अध्यादेश से गठित समिति निलंबित रहेगी। इस बीच, मंदिर के प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए, न्यायालय ने कहा कि वह एक और समिति गठित करेगा, जिसकी अध्यक्षता उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश करेंगे। समिति में सरकारी अधिकारी और मंदिर के पारंपरिक संरक्षक गोस्वामियों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
हाईकोर्ट की सुनवाई पर लगाई रोक
जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि इसे लेकर कल आदेश अपलोड किया जाएगा। पीठ ने अध्यादेश को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की सुनवाई पर भी रोक लगाने का आदेश पारित किया। पीठ ने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया कि इस मामले को एक खंडपीठ को सौंप दिया जाए, क्योंकि कानूनों की संवैधानिकता से संबंधित मामलों की सुनवाई खंडपीठों द्वारा की जाती है।