197 साल बाद रक्षाबंधन पर लग रहे ये तीन शुभ योग, भाई-बहन का पर्व होगा खास
- दिल्ली राष्ट्रीय हमारी संस्कृति
Political Trust
- August 6, 2025
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नई दिल्ली। इस बार रक्षाबंधन पर 197 साल बाद तीन शुभ योग लग रहे हैं। रक्षा बंधन के दिन 197 साल बाद सौभाग्य योग, शोभन योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। इन योगों में किए कार्य जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आते हैं। खासकर रक्षासूत्र बांधना, वचन देना और रिश्तों को मजबूत करने की हर रस्म इन शुभ योगों में करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
इस पर्व में बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती है और भाई पूरे जीवन अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देता है। कलाई पर बांधे जाने वाला यह धागा न सिर्फ गहरे रिश्ते का प्रतीक होता है बल्कि इस धागे में प्यार और साथ भी छुपा होता है। यही कारण है कि हर भाई-बहन को इस त्योहार का बहुत इंतज़ार होता है।
राखी पर्व हर साल सावन के महीने में पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। साल 2025 में रक्षाबंधन का त्योहार और भी ज्यादा विशेष है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं। राखी अगर शुभ मुहूर्त और शुभ योग देख बाँधी जाए तो इसकी शुभता अधिक बढ़ जाती है। भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है इसलिए राखी बांधने से पहले शुभ समय का ध्यान जरूर रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि रक्षा बंधन कब है?, शुभ मुहूर्त और रक्षाबंधन का महत्व।
रक्षाबंधन 2025 कब
इस बार रक्षा बंधन 9 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। खास बात ये है कि इस दिन राखी 2025 Rakhi 2025 बांधने का शुभ समय सुबह से लेकर दोपहर तक रहेगा। पूर्णिमा तिथि की बात करें तो पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे खत्म होगी।
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त 2025: सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक। इस बीच राखी बांधना शुभ माना जाएगा।
भद्रा काल: इस दिन का भद्रा काल 9 अगस्त की रात 1:52 बजे खत्म हो जाएगा, यानी राखी बांधने की सभी रस्में उसके बाद ही की जाएंगी।
विशेष योग में रक्षा बंधन फलदायी
यह रक्षा बंधन 2025 इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व की पवित्रता और महत्व को और बढ़ा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब ऐसे विशेष योग बनते हैं, तब कोई भी शुभ काम करना बेहद फलदायी होता है।
साथ ही, अगर दिन की बात करें तो बहुत ही शुभ मुहूर्त भी मौजूद हैं। सुबह का ब्रह्म मुहूर्त 4:22 बजे से 5:04 बजे तक रहेगा, जो आध्यात्मिक साधना और शुभ कार्यों के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। इसके अलावा दोपहर में अभिजीत मुहूर्त 12:17 बजे से 12:53 बजे तक रहेगा, जिसे किसी भी शुभ काम की सफलता के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।
ऐसे अद्भुत संयोग में रक्षा बंधन का त्योहार मनाना न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
राखी पर्व हर साल सावन के महीने में पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। साल 2025 में रक्षाबंधन का त्योहार और भी ज्यादा विशेष है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं। राखी अगर शुभ मुहूर्त और शुभ योग देख बाँधी जाए तो इसकी शुभता अधिक बढ़ जाती है। भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है इसलिए राखी बांधने से पहले शुभ समय का ध्यान जरूर रखना चाहिए। तो चलिए जानते हैं कि रक्षा बंधन कब है?, शुभ मुहूर्त और रक्षाबंधन का महत्व।
रक्षाबंधन 2025 कब
इस बार रक्षा बंधन 9 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। खास बात ये है कि इस दिन राखी 2025 Rakhi 2025 बांधने का शुभ समय सुबह से लेकर दोपहर तक रहेगा। पूर्णिमा तिथि की बात करें तो पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होगी और 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे खत्म होगी।
रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त 2025: सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक। इस बीच राखी बांधना शुभ माना जाएगा।
भद्रा काल: इस दिन का भद्रा काल 9 अगस्त की रात 1:52 बजे खत्म हो जाएगा, यानी राखी बांधने की सभी रस्में उसके बाद ही की जाएंगी।
विशेष योग में रक्षा बंधन फलदायी
यह रक्षा बंधन 2025 इसलिए भी खास माना जा रहा है क्योंकि इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व की पवित्रता और महत्व को और बढ़ा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब ऐसे विशेष योग बनते हैं, तब कोई भी शुभ काम करना बेहद फलदायी होता है।
साथ ही, अगर दिन की बात करें तो बहुत ही शुभ मुहूर्त भी मौजूद हैं। सुबह का ब्रह्म मुहूर्त 4:22 बजे से 5:04 बजे तक रहेगा, जो आध्यात्मिक साधना और शुभ कार्यों के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। इसके अलावा दोपहर में अभिजीत मुहूर्त 12:17 बजे से 12:53 बजे तक रहेगा, जिसे किसी भी शुभ काम की सफलता के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।
ऐसे अद्भुत संयोग में रक्षा बंधन का त्योहार मनाना न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।