म्यांमार में महसूस किए गए भूकंप के झटके, तीव्रता 4.2
- राष्ट्रीय विदेश
Political Trust
- August 4, 2025
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नई दिल्ली। म्यांमार में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.2 मापी गई। जानकारी के मुताबिक रात 2.42 बजे झटके महसूस हुए। भूकंप के बाद सुनामी का खतरा भी मंडराने लगा। इससे ठीक पहले रूस में भी भूकंप आया था।
म्यांमार में आए भूकंप से पहले रूस में भी झटके महसूस हुए थे। हालांकि अभी तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। म्यांमार में इससे पहले भी कई बार भूकंप आ चुका है। इसी साल 1 अगस्त को 2.3 की तीव्रता का भूकंप आया था। लोइकावा से 91 किलोमीटर दूर भूकंप के हल्के झटके महसूस हुए थे. वहीं इसी साल 31 जुलाई को 4.7 की तीव्रता का भूकंप आया था। इसकी वजह से किसी तरह का बड़ा नुकसान नहीं हुआ था।
मार्च में भूकंप ने मचाई तबाही
म्यांमार में इस साल 28 मार्च को भयानक भूकंप आया था, जिसकी वजह से हजारों लोगों की मौत हुई थी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक 28 मार्च को आए भूकंप की वजह से 3700 से ज्यादा लोग मारे गए थे। वहीं 4800 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। भूकंप की वजह से कई क्षेत्रों में खाने को लेकर भी संकट बन गया था।
म्यांमार में आता है ज्यादा भूकंप?
म्यांमार ऐसी जगह है, जहां दो बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स (इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट) आपस में टकराती है। इंडियन प्लेट धीरे-धीरे यूरेशियन प्लेट के नीचे सरक रही है, जिसे सबडक्शन कहते हैं। यह प्रक्रिया अंडमान-निकोबार से लेकर म्यांमार के पश्चिमी तट तक होती है। टकराव के कारण जमीन के अंदर दबाव बनता है, इसी वजह से भूकंप आता है। बता दें कि हाल ही में रूस के कामचटका में भूकंप आया था, जिसके बाद कई जगहों पर तबाही का मंजर देखने को मिला था।
मार्च में भूकंप ने मचाई तबाही
म्यांमार में इस साल 28 मार्च को भयानक भूकंप आया था, जिसकी वजह से हजारों लोगों की मौत हुई थी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक 28 मार्च को आए भूकंप की वजह से 3700 से ज्यादा लोग मारे गए थे। वहीं 4800 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। भूकंप की वजह से कई क्षेत्रों में खाने को लेकर भी संकट बन गया था।
म्यांमार में आता है ज्यादा भूकंप?
म्यांमार ऐसी जगह है, जहां दो बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स (इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट) आपस में टकराती है। इंडियन प्लेट धीरे-धीरे यूरेशियन प्लेट के नीचे सरक रही है, जिसे सबडक्शन कहते हैं। यह प्रक्रिया अंडमान-निकोबार से लेकर म्यांमार के पश्चिमी तट तक होती है। टकराव के कारण जमीन के अंदर दबाव बनता है, इसी वजह से भूकंप आता है। बता दें कि हाल ही में रूस के कामचटका में भूकंप आया था, जिसके बाद कई जगहों पर तबाही का मंजर देखने को मिला था।