भारत के चाय उद्योग पर संकट, उत्पादन में गिरावट और सस्ते आयात पर आईटीसी ने जताई चिंता
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- July 31, 2025
- 0
- 54
- 1 minute read

नई दिल्ली। भारतीय चाय संघ यानी आईटीसी ने चाय उद्योग को उत्पादन में कमी, मूल्य प्राप्ति में गिरावट और अधिक आयात के कारण चिंता जताई है। आईटीसी के अनुसार भारत का चाय उद्योग भारी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उत्पादन स्तर 2024 के स्तर से 10.34 प्रतिशत कम है। 2025 में दैनिक तापमान में औसतन दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और कम वर्षा के कारण सूखे की परिस्थितियां पैदा हो रही हैं।
खराब मौसम और कीटों से उत्पादन में आई भारी कमी
आईटीए ने कहा कि 2024 में फसल उत्पादन में भारी कमी देखी गई। देशव्यापी स्तर 2023 से 109 मिलियन किलोग्राम कम हो गया। आईटीए ने कहा कि उत्पादन में यह कमी खराब मौसम की स्थिति और बागानों में कीटों के हमलों के कारण हुई।
दर्जिलिंग चाय उद्योग मुश्किल दौर में
एसोसिएशन के अनुसार, 2025 का कम उत्पादन स्तर पश्चिम बंगाल और असम के बड़े उत्पादकों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। दार्जिलिंग चाय उद्योग को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहां उत्पादन स्तर 2024 के स्तर से 10.34 प्रतिशत कम है।
तापमान में आई वृद्धि से उत्पादन में कमी आई
आईटीए ने कहा कि 2025 में दैनिक तापमान में औसतन दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और कम वर्षा के कारण शुष्क परिस्थितियां पैदा हो रही हैं। इससे दो प्रमुख उत्पादक राज्यों में उत्पादन में गिरावट देखने को मिली। जुलाई की फसल भी कमजोर रहने की उम्मीद है। इसमें 2024 की तुलना में 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। इसके अलावा अप्रैल से जुलाई के अंत तक चाय की नीलामी की कीमतों में भी गिरावट का रुख रहा है। इससे हितधारकों के बीच चिंताएं बढ़ गई हैं।
आईटीए ने कहा कि 2024 में फसल उत्पादन में भारी कमी देखी गई। देशव्यापी स्तर 2023 से 109 मिलियन किलोग्राम कम हो गया। आईटीए ने कहा कि उत्पादन में यह कमी खराब मौसम की स्थिति और बागानों में कीटों के हमलों के कारण हुई।
दर्जिलिंग चाय उद्योग मुश्किल दौर में
एसोसिएशन के अनुसार, 2025 का कम उत्पादन स्तर पश्चिम बंगाल और असम के बड़े उत्पादकों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। दार्जिलिंग चाय उद्योग को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहां उत्पादन स्तर 2024 के स्तर से 10.34 प्रतिशत कम है।
तापमान में आई वृद्धि से उत्पादन में कमी आई
आईटीए ने कहा कि 2025 में दैनिक तापमान में औसतन दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि और कम वर्षा के कारण शुष्क परिस्थितियां पैदा हो रही हैं। इससे दो प्रमुख उत्पादक राज्यों में उत्पादन में गिरावट देखने को मिली। जुलाई की फसल भी कमजोर रहने की उम्मीद है। इसमें 2024 की तुलना में 15 प्रतिशत से 20 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। इसके अलावा अप्रैल से जुलाई के अंत तक चाय की नीलामी की कीमतों में भी गिरावट का रुख रहा है। इससे हितधारकों के बीच चिंताएं बढ़ गई हैं।