मालेगांव बम धमाके में 17 साल बाद फैसले की घड़ी
- राष्ट्रीय
Political Trust
- July 30, 2025
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कल NIA कोर्ट सुना सकती है ; साध्वी प्रज्ञा समेत सात आरोपी
मुंबई। महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम धमाके के मामले में करीब 17 साल बाद फैसला सामने आने की संभावना तेज हो गई है। इस मामले में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात आरोपियों पर आतंकवाद और साजिश के गंभीर आरोप हैं। एनआईए ने आरोपियों को सजा देने की मांग की है। ऐसे में सबकी निगाहें गुरुवार को एनआईए कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।
महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 हुए बम धमाके के मामले में करीब 17 साल के बाद अब फैसला सामने आने की उम्मीद तेज हो गई है। संभावना इस बात की तेज है कि मामले में गुरुवार 31 जुलाई 2025 को राष्ट्रीय जाृंच एजेंसी (एनआईए) कोर्ट फैसला सुना सकती है। यह मामला मुंबई से लगभग 200 किमी दूर स्थित मालेगांव में हुआ था, जो एक संवेदनशील और मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है। इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
बता दें कि मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र की आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) ने की थी। इसके बाद 2011 में केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा गया। 2018 से कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ और 19 अप्रैल 2025 को बहस पूरी हुई। ऐसे में अब फैसला कल यानी 31 जुलाई 2025 को आने की संभावना है।
महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 हुए बम धमाके के मामले में करीब 17 साल के बाद अब फैसला सामने आने की उम्मीद तेज हो गई है। संभावना इस बात की तेज है कि मामले में गुरुवार 31 जुलाई 2025 को राष्ट्रीय जाृंच एजेंसी (एनआईए) कोर्ट फैसला सुना सकती है। यह मामला मुंबई से लगभग 200 किमी दूर स्थित मालेगांव में हुआ था, जो एक संवेदनशील और मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है। इस धमाके में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
बता दें कि मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र की आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) ने की थी। इसके बाद 2011 में केस राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा गया। 2018 से कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ और 19 अप्रैल 2025 को बहस पूरी हुई। ऐसे में अब फैसला कल यानी 31 जुलाई 2025 को आने की संभावना है।