धर्मांतरण के सिंडिकेट का खुलासा
- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय
Political Trust
- July 22, 2025
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लंदन से होती थी फंडिंग…लश्कर से जुड़ा कनेक्शन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट का पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस जांच में चौंकाने वाली जानकारी मिली है। अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट के तार लश्कर और पीएफआई से जुड़े मिले हैं।
आगरा के सदर क्षेत्र की दो बहनों को कोलकाता से अवैध धर्मांतरण गिरोह के चंगुल से छुड़ाने के बाद पुलिस ने दिल्ली से कोलकाता तक फैले इस बड़े अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा किया है। अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण गिरोह के लिए विदेश से फंडिंग की बात सामने आई है। कनाडा के बाद अब लंदन से भी पैसा मिलने की आशंका है। दिल्ली से पकड़े गए अब्दुल रहमान का भतीजा वहीं रहता है। अब पुलिस उसके बारे में जानकारी जुटा रही है। वहीं कश्मीरी छात्राओं के माध्यम से लश्कर कनेक्शन और पीएफआई से भी गिरोह के जुड़े होने के बारे में जानकारी मिल रही है। कई नाम पुलिस के सामने आए हैं। पकड़े गए आरोपियों के बैंक खातों को खंगाला जा रहा है।
विदेश से पैसा कौन भेजता था
पुलिस ने धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार किए गए रहमान कुरैशी, अब्बू तालिब, आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, अली हसन उर्फ शेखर, ओसामा, अबुर रहमान, मोहम्मद अली, जुनैद कुरैशी, मुस्तफा उर्फ मनोज और मोहम्मद इब्राहिम को रिमांड लेकर गहन पूछताछ की है। उनसे पूछा गया कि गिरोह के लिए फंडिंग कैसे हो रही थी? विदेश से पैसा काैन भेजता था?
कनाडा में मप्र का सैयद दाऊद
पूछताछ के बाद कनाडा में रह रहे मध्य प्रदेश के सैय्यद दाऊद का नाम सामने आया था। दिल्ली के दो और लोगों के बारे में पता चला था। इनमें अब्दुल रहमान भी शामिल था। पुलिस ने इनके गैर जमानती वारंट जारी कराए। सैय्यद दाऊद को भारत लाने के लिए रेड कार्नर नोटिस भी जारी कराया जाएगा। सोमवार को दिल्ली के मुस्तफाबाद से अब्दुल रहमान को पकड़ लिया गया। उससे प्रांरभिक पूछताछ में विदेशी फंडिंग की बात सामने आई है। वह रुपयों के लिए लोगों से संपर्क किया करता था।
मुस्तफाबाद में सेफ हाउस
पुलिस मुस्तफाबाद में अब्दुल रहमान के घर पहुंची थी। वह दो मंजिला मकान में रहकर गिरोह चला रहा था। पूछताछ में पता चला कि उसके 3 बेटे हैं। एक बेटे की शादी वर्ष 2018 में भोपाल की युवती से कराई थी। उसका भी धर्मांतरण कराया गया था। उनके चार बच्चे हैं। आरोपी की एक बेटी भी है। कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद वह अपना ठिकाना बदलकर रहता था। एक जगह पर 6 महीने से ज्यादा नहीं रुकता था। इस बीच धर्मांतरण भी कराता था। लोगों से दीन के काम के नाम पर मदद मांगा करता था।
आगरा के सदर क्षेत्र की दो बहनों को कोलकाता से अवैध धर्मांतरण गिरोह के चंगुल से छुड़ाने के बाद पुलिस ने दिल्ली से कोलकाता तक फैले इस बड़े अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा किया है। अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण गिरोह के लिए विदेश से फंडिंग की बात सामने आई है। कनाडा के बाद अब लंदन से भी पैसा मिलने की आशंका है। दिल्ली से पकड़े गए अब्दुल रहमान का भतीजा वहीं रहता है। अब पुलिस उसके बारे में जानकारी जुटा रही है। वहीं कश्मीरी छात्राओं के माध्यम से लश्कर कनेक्शन और पीएफआई से भी गिरोह के जुड़े होने के बारे में जानकारी मिल रही है। कई नाम पुलिस के सामने आए हैं। पकड़े गए आरोपियों के बैंक खातों को खंगाला जा रहा है।
विदेश से पैसा कौन भेजता था
पुलिस ने धर्मांतरण के मामले में गिरफ्तार किए गए रहमान कुरैशी, अब्बू तालिब, आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, अली हसन उर्फ शेखर, ओसामा, अबुर रहमान, मोहम्मद अली, जुनैद कुरैशी, मुस्तफा उर्फ मनोज और मोहम्मद इब्राहिम को रिमांड लेकर गहन पूछताछ की है। उनसे पूछा गया कि गिरोह के लिए फंडिंग कैसे हो रही थी? विदेश से पैसा काैन भेजता था?
कनाडा में मप्र का सैयद दाऊद
पूछताछ के बाद कनाडा में रह रहे मध्य प्रदेश के सैय्यद दाऊद का नाम सामने आया था। दिल्ली के दो और लोगों के बारे में पता चला था। इनमें अब्दुल रहमान भी शामिल था। पुलिस ने इनके गैर जमानती वारंट जारी कराए। सैय्यद दाऊद को भारत लाने के लिए रेड कार्नर नोटिस भी जारी कराया जाएगा। सोमवार को दिल्ली के मुस्तफाबाद से अब्दुल रहमान को पकड़ लिया गया। उससे प्रांरभिक पूछताछ में विदेशी फंडिंग की बात सामने आई है। वह रुपयों के लिए लोगों से संपर्क किया करता था।
मुस्तफाबाद में सेफ हाउस
पुलिस मुस्तफाबाद में अब्दुल रहमान के घर पहुंची थी। वह दो मंजिला मकान में रहकर गिरोह चला रहा था। पूछताछ में पता चला कि उसके 3 बेटे हैं। एक बेटे की शादी वर्ष 2018 में भोपाल की युवती से कराई थी। उसका भी धर्मांतरण कराया गया था। उनके चार बच्चे हैं। आरोपी की एक बेटी भी है। कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी के बाद वह अपना ठिकाना बदलकर रहता था। एक जगह पर 6 महीने से ज्यादा नहीं रुकता था। इस बीच धर्मांतरण भी कराता था। लोगों से दीन के काम के नाम पर मदद मांगा करता था।