पहला स्वदेशी डीएसवी ‘आईएनएस निस्तार’ नौसेना में शामिल
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- July 18, 2025
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जानिए क्या है इसकी ताकत
Nimmi Thakur
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना की ताकत अब और बढ़ी है। आज शुक्रवार को नौसेना के बेडे़ में देश का पहला स्वदेशी डाइविंग सपोर्ट वेसल (डीएसवी) आईएनएस निस्तार शामिल हो गया है। केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ की मौजूदगी में विशाखापत्तनम स्थित नेवल डॉकयार्ड में आईएनएस निस्तार को नौसैनिक बेड़े में शामिल किया गया है। आईएनएस निस्तार को देश में ही डिजाइन और इसका निर्माण किया गया है। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने 8 जुलाई 2025 को ही भारतीय नौसेना को सौंपा दिया था। इस युद्धक जहाज का निर्माण भारतीय शिपिंग रजिस्टर के नियमों के तहत किया गया है।
निर्यातक बन रहा भारत
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि ‘भारतीय नौसेना का इतिहास गौरवशाली है और आईएनएस निस्तार भारत की ताकत को और बढ़ाएगा।’ उन्होंने कहा कि ‘भारत आज सैन्य मामले में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है और अब आयातक से निर्यातक बन रहा है। भारत ने 23,622 करोड़ रुपये हथियार निर्यात किए हैं और अब लक्ष्य 50 हजार करोड़ रुपये के हथियार निर्यात करने का है।’
आईएनएस निस्तार की खासियत की बात करें तो यह 118 मीटर लंबा और 10 हजार टन वजनी जहाज है। जो समुद्र में गहराई तक जाने में मदद करने वाले उपकरणों से लैस है। इसकी मदद से 300 मीटर तक समुद्र की गहराई में जाया जा सकता है।
निर्यातक बन रहा भारत
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि ‘भारतीय नौसेना का इतिहास गौरवशाली है और आईएनएस निस्तार भारत की ताकत को और बढ़ाएगा।’ उन्होंने कहा कि ‘भारत आज सैन्य मामले में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है और अब आयातक से निर्यातक बन रहा है। भारत ने 23,622 करोड़ रुपये हथियार निर्यात किए हैं और अब लक्ष्य 50 हजार करोड़ रुपये के हथियार निर्यात करने का है।’
आईएनएस निस्तार की खासियत की बात करें तो यह 118 मीटर लंबा और 10 हजार टन वजनी जहाज है। जो समुद्र में गहराई तक जाने में मदद करने वाले उपकरणों से लैस है। इसकी मदद से 300 मीटर तक समुद्र की गहराई में जाया जा सकता है।