आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा- 75 साल की आयु में रिटायर होना चाहिए

 आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा- 75 साल की आयु में रिटायर होना चाहिए
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर से दोहराया है कि नेताओं को 75 साल की उम्र में रिटायर होना चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने नागपुर में एक कार्यक्रम में ये बात कही। उन्होंने कहा कि जब आपको कोई 75 साल का होने पर बधाई देता है, तो इसका मतलब है कि आपको रुक जाना चाहिए। दूसरों को काम करने का मौका देना चाहिए।
भागवत ने किस अवसर पर कही 75 साल वाली बात?
संघ प्रमुख भागवत ने यह टिप्पणी उस समारोह में की जहां मोरोपंत पिंगले की स्मृति में एक किताब का लोकार्पण किया गया। भागवत ने आपातकाल (1975) के बाद राजनीतिक बदलाव के दौरान पिंगले की भविष्यवाणियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, जब चुनाव की चर्चा हुई, मोरोपंत ने कहा था कि अगर सभी विपक्षी दल एक साथ आएं तो करीब 276 सीटों पर जीत जाएंगे और जब परिणाम आए, तो 276 सीटों पर ही जीत हुई। हालांकि, वे चुनाव परिणाम के दौरान इन चर्चाओं से दूर रहे। पिंगले ने कभी अपनी उपलब्धियों का जिक्र नहीं किया। वह अपनी मुस्कुराहट से विषयों को बदल देते थे और किसी भी सम्मान समारोह में जाने से भी बचते थे।
पांच साल पहले बोले थे भागवत- पीएम मोदी अपवाद
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर में 75 साल के होने वाले हैं। ऐसे में भागवत के इस बयान से बहस छिड़ गई है। शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने कहा कि संघ प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी को यह संदेश दिया है। हालांकि, पांच साल पहले भागवत ने 75 की उम्र में सेवानिवृत्ति के अपने इस बयान पर मोदी को अपवाद बताया था।