निचले स्‍तर पर पहुंची देश की औद्योगिक विकास दर, पावर सेक्टर सबसे कमजोर

 निचले स्‍तर पर पहुंची देश की औद्योगिक विकास दर, पावर सेक्टर सबसे कमजोर
नई दिल्ली। पिछले आठ माह में देश में औद्योगिक विकास दर सबसे कमजोर रही है। मई में औद्योगिक विकास दर 1.2 फीसदी रही। देश के पावर सेक्टर का प्रदर्शन मई में सबसे कमजोर रहा। बिजली उत्पादन 5.8% घट गया। यह पिछले पांच वर्षों में बिजली उत्पादन में आई सबसे तेज गिरावट है।
देश की औद्योगिक विकास दर मई 2025 में पिछले आठ महीनों के सबसे निचले स्‍तर पर आ गई और 1.2% पर सिमट गई। अप्रैल में औद्योगिक विकास दर 2.6% थी। 30 जून को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट कोर सेक्टर और बिजली उत्पादन में कमजोरी के कारण आई है। आठ प्रमुख उद्योगों यानी कोर सेक्टर की ग्रोथ मई में सिर्फ 0.7% रही और नौ महीने के निचले स्‍तर पर पहुंच गई। अप्रैल में यह दर 1% थी। इस गिरावट से संकेत मिलता है कि सीमेंट, स्टील और बिजली जैसे मूलभूत क्षेत्रों में मांग या उत्पादन में ठहराव  आ गया है।
कोर सेक्टर में भारत की आठ प्रमुख आधारभूत उद्योग शामिल हैं, जो औद्योगिक उत्पादन सूचकांक का लगभग 40% हिस्सा बनाते हैं। इनमें बिजली, इस्पात, रिफाइन्ड पेट्रोलियम उत्पाद, क्रूड ऑयल, कोयला, सीमेंट, प्राकृतिक गैस और फर्टिलाइजर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन सेक्टर्स की ग्रोथ देश की औद्योगिक और आर्थिक स्थिति का अहम संकेतक मानी जाती है। देश के पावर सेक्टर का प्रदर्शन मई में सबसे कमजोर रहा। बिजली  उत्पादन 5.8% घट गया। यह पिछले पांच वर्षों में बिजली उत्पादन में आई सबसे तेज गिरावट है। देश के अलग-अलग हिस्सों में अधिक बारिश और ठंडे मौसम ने बिजली की मांग पर असर डाला है। आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत की जीडीपी ग्रोथ दर पिछली तिमाही के 7.4% के मुकाबले धीमी होकर नीचे आ सकती है। कमजोर औद्योगिक गतिविधि और कोर सेक्टर में सुस्ती इसका मुख्य कारण हो सकते हैं।