ईरान-इस्राइल युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका, रूस से तेल आयात बढ़ाया  

 ईरान-इस्राइल युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका, रूस से तेल आयात बढ़ाया  
नई दिल्ली। ईरान-इस्राइल युद्ध में अमेरिका के शामिल होने के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ना तय है और इसका सीधा असर तेल की कीमतों पर होगा। तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका है। भारत ने हालात को भांपते हुए जून माह में रूस से तेल आयात बढ़ा दिया है।
ईरान इस्राइल युद्ध में अमेरिका की एंट्री हो चुकी है। अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर रविवार तड़के बम बरसाए। जिसके बाद ईरान ने भी पलटवार की धमकी दी है। इस घटनाक्रम के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका है। इसका सीधा असर तेल की कीमतों पर पड़ेगा। हालांकि भारत ने पहले ही हालात को भांपते हुए रणनीति के तहत रूस और अमेरिका से कच्चे तेल का आयात बढ़ा दिया है। भारत ने जून महीने में रूस से इतना तेल खरीदा है, जो पश्चिम एशिया और खाड़ी देशों से खरीदे गए कुल कच्चे तेल से भी ज्यादा है।
रूस से तेल खरीद में उछाल
वैश्विक व्यापार विश्लेषक फर्म कैपलर के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने जून महीने में रूस से 20-22 लाख बैरल प्रति दिन के हिसाब से कच्चे तेल की खरीद की है। यह बीते दो साल में सबसे ज्यादा है। मई माह में भारत ने रूस से तकरीबन 11 लाख बैरल प्रति दिन के हिसाब से कच्चा तेल खरीदा था। भारत पहले रूस से अपनी जरूरत का महज एक प्रतिशत तेल ही आयात करता था, लेकिन अब इसमें भारी बढ़ोतरी हुई है और अब भारत अपने कुल तेल आयात का 40-44 प्रतिशत तेल रूस से मंगाता है।