प्रधानमंत्री मोदी तीन देशों के दौरे पर रवाना, साइप्रस से देंगे तुर्किये को कड़ा संदेश
- राजनीति राष्ट्रीय विदेश
Political Trust
- June 15, 2025
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साइप्रस। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत और तुर्किये के संबंधों में तनाव आया है। इसका कारण पाकिस्तान को तुर्किये ने ड्रोन उपलब्ध कराए थे। तुर्किये ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था। तुर्किये को अब संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का साइप्रस दौरा अहम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे पर रविवार को रवाना हो गए। इस दौरे के पहले पड़ाव में पीएम मोदी रविवार को साइप्रस पहुंचेंगे। साइप्रस दौरा किसी भारतीय प्रधानमंत्री का 23 में पहली बाद है। तुर्किये पर आरोप है कि उसने साइप्रस के एक तिहाई हिस्से पर साल 1974 से कब्जा किया हुआ है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया था और पाकिस्तान को अटैक ड्रोन मुहैया कराए थे।
पीएम मोदी का साइप्रस दौरा अहम
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने जिस तरह से खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया और साथ ही भारत पर हमले के लिए पाकिस्तान को ड्रोन मुहैया कराए, उससे भारत और तुर्किये के संबंधों में तनाव है। अब प्रधानमंत्री साइप्रस दौरे पर जा रहे हैं और उनका दौरा तुर्किये के लिए एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। तुर्किये और साइप्रस में दुश्मनी है और साल 1974 के बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध भी नहीं हैं।
तुर्किये और साइप्रस में ये है विवाद
साल 1570 में ग्रीक भाषी साइप्रस ओटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में आ गया था। जिसके बाद साइप्रस में तुर्की भाषी लोग भी बड़ी संख्या में बस गए। साल 1960 में जब साइप्रस, ब्रिटेन से आजाद होकर स्वतंत्र देश बना तो देश में ग्रीक भाषी आबादी कुल आबादी की करीब तीन चौथाई थी और साथ ही तुर्की भाषी आबादी भी बड़ी संख्या में थी। आजादी के बाद कई वर्षों तक इन समुदायों में आपसी झगड़े और हिंसा भी हुई।
पीएम मोदी का साइप्रस दौरा अहम
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किये ने जिस तरह से खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया और साथ ही भारत पर हमले के लिए पाकिस्तान को ड्रोन मुहैया कराए, उससे भारत और तुर्किये के संबंधों में तनाव है। अब प्रधानमंत्री साइप्रस दौरे पर जा रहे हैं और उनका दौरा तुर्किये के लिए एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। तुर्किये और साइप्रस में दुश्मनी है और साल 1974 के बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध भी नहीं हैं।
तुर्किये और साइप्रस में ये है विवाद
साल 1570 में ग्रीक भाषी साइप्रस ओटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में आ गया था। जिसके बाद साइप्रस में तुर्की भाषी लोग भी बड़ी संख्या में बस गए। साल 1960 में जब साइप्रस, ब्रिटेन से आजाद होकर स्वतंत्र देश बना तो देश में ग्रीक भाषी आबादी कुल आबादी की करीब तीन चौथाई थी और साथ ही तुर्की भाषी आबादी भी बड़ी संख्या में थी। आजादी के बाद कई वर्षों तक इन समुदायों में आपसी झगड़े और हिंसा भी हुई।