जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले सालों में गर्मी और बारिश की पड़ेगी दोहरी मार, दोगुना होगा लू का प्रकोप

 जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले सालों में गर्मी और बारिश की पड़ेगी दोहरी मार, दोगुना होगा लू का प्रकोप
नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले सालों में गर्मी और बारिश की दोहरी मार झेलनी होगी। नई दिल्ली-मुंबई जैसे शहरों में भीषण गर्मी होगी। आईपीई ग्लोबल और ईएसआरआई इंडिया की रिपोर्ट में ये चेतावनी दी गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2030 तक भारत के 69 फीसदी तटीय जिले लंबे समय तक गर्मी से जुड़ी समस्याओं का सामना करेंगे, जो 2040 तक बढ़कर 79 फीसदी हो जाएंगे।
भारत को जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले वर्षों में गर्मी और बारिश की दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है। 2030 तक देश में लू (हीटवेव) वाले दिनों की संख्या ढाई गुना बढ़ सकती है, जबकि अत्यधिक बारिश की घटनाओं में 43 फीसदी की वृद्धि होगी। यह चेतावनी आईपीई ग्लोबल और ईएसआरआई इंडिया की ताजा रिपोर्ट वेदरिंग द स्टॉर्म: मैनेजिंग मानसून इन अ वार्मिंग क्लाइमेट में दी गई है।
रिपोर्ट का सबसे गंभीर निष्कर्ष यह है कि देश के 80 फीसदी जिले लू और अत्यधिक बारिश, दोनों चरम मौसमीय घटनाओं से प्रभावित होंगे। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, पटना, हैदराबाद, भुवनेश्वर, सूरत और ठाणे जैसे शहरों में हीटवेव वाले दिनों में दोगुनी बढ़ोतरी की आशंका है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले करीब दो दशकों में भारत में चरम मौसम घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई है। 1993 से 2024 के बीच गर्म दिनों की संख्या 15 गुना बढ़ी है। पिछले 10 वर्षों में यह बढ़ोतरी 19 गुना तक पहुंच गई है। हीटवेव की लंबी अवधि, उसके बाद अनियमित और अत्यधिक वर्षा, अब सामान्य पैटर्न बन चुका है। जिन जिलों में जून से सितंबर के बीच लू ज्यादा चलती है, वहां लगातार और अप्रत्याशित बारिश की घटनाएं और ज्यादा होंगी।