रेलवे की वेटिंग टिकट कन्फर्म है या नहीं, एक दिन पहले चलेगा पता
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- June 12, 2025
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नई दिल्ली। ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को अब वेटिंग लिस्ट में यह जानने के लिए आखिरी समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा कि उनका टिकट कन्फर्म होगा या नहीं। सूत्रों के मुताबिक भारतीय रेलवे ने इस दिशा में बड़ी पहल की है। जिसके तहत वेटिंग टिकट चार्ट अब चार घंटे पहले नहीं, बल्कि पूरे 24 घंटे पहले तैयार होगा। इस नई व्यवस्था की शुरुआत बीकानेर डिविजन में एक ट्रेन पर प्रयोग के तौर पर की गई है। रेलवे सूत्रों के अनुसार इस बदलाव के शुरुआती चार दिनों में असर काफी सकारात्मक रहा है। यात्रियों को काफी सहूलियत मिली है और उन्हें यात्रा की योजना बनाने में ज्यादा स्पष्टता और समय मिला है।
चार घंटे पहले नहीं पता चलेगा टिकट कंफर्म है या नहीं
अब तक रेलवे वेटिंग लिस्ट का अंतिम चार्ट ट्रेन के चलने से 2.5 से चार घंटे पहले बनाता था. इससे यात्रियों को यह तय करने का बहुत ही कम समय मिल पाता था कि वे यात्रा करेंगे या नहीं। लेकिन अगर चार्ट एक दिन पहले बन जाएगा, तो यात्री फ्लाइट, बस या दूसरी ट्रेन जैसे वैकल्पिक साधनों का उपयोग करने के बारे में सोच सकते हैं। यह व्यवस्था खासतौर पर उन रूट्स पर ज्यादा फायदेमंद होगी जहां वेटिंग लिस्ट हमेशा लंबी रहती है, जैसे कि दिल्ली से बिहार, उत्तर प्रदेश,बंगाल या फिर यूपी-बिहार से मुंबई और गुजरात के बीच चलने वाली ट्रेनें। इन ट्रेन रूट्स पर अक्सर वेटिंग लिस्ट 400 तक पहुंच जाती है और टिकट “रिग्रेट” स्टेटस में आ जाता है।
रेलवे को मिलेगी मदद
रेलवे के मुताबिक एक दिन पहले चार्ट तैयार होने से कोच की संख्या बढ़ाने, क्लोन ट्रेन चलाने और यात्रियों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने में मदद मिलेगी। जब रेलवे को पहले से यह जानकारी होगी कि कितने यात्री सफर करेंगे और कितने वेटिंग में हैं तो वह उसके अनुसार अपनी योजना बना सकता है। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस नई पहल से मौजूदा टिकट नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। तत्काल टिकट बुकिंग और अन्य रिजर्वेशन नियम पहले जैसे ही रहेंगे।
बीकानेर में मिला था सुझाव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 21 मई को बीकानेर का दौरा किया था, जहां स्थानीय रेलवे अधिकारियों ने उन्हें यह सुझाव दिया था कि चार्ट तैयार करने की समय-सीमा बढ़ाई जाए। रेल मंत्री को यह विचार पसंद आया और उन्होंने तुरंत इसे मंजूरी दी।
और ट्रेनों पर विस्तार
बीकानेर डिविजन में ट्रायल सफल होने के बाद रेलवे अब इसे अन्य डिवीजन में लागू करने की योजना बना रहा है। खासकर उन स्टेशनों और रूट पर जहां वेटिंग लिस्ट ज्यादा रहती है और यात्रियों की भीड़ अधिक होती है। यानी कि रेलवे की यह पहल न केवल यात्रियों के लिए यात्रा की योजना को आसान बनाएगी, बल्कि रेलवे को भी भीड़भाड़ वाली ट्रेनों को मैनेज करने में मदद देगी। अगर यह प्रयोग सफल रहता है, तो आने वाले समय में हर यात्री को कम से कम एक दिन पहले यह जानकारी मिल सकेगी कि उसका टिकट कन्फर्म हुआ या नहीं।
अब तक रेलवे वेटिंग लिस्ट का अंतिम चार्ट ट्रेन के चलने से 2.5 से चार घंटे पहले बनाता था. इससे यात्रियों को यह तय करने का बहुत ही कम समय मिल पाता था कि वे यात्रा करेंगे या नहीं। लेकिन अगर चार्ट एक दिन पहले बन जाएगा, तो यात्री फ्लाइट, बस या दूसरी ट्रेन जैसे वैकल्पिक साधनों का उपयोग करने के बारे में सोच सकते हैं। यह व्यवस्था खासतौर पर उन रूट्स पर ज्यादा फायदेमंद होगी जहां वेटिंग लिस्ट हमेशा लंबी रहती है, जैसे कि दिल्ली से बिहार, उत्तर प्रदेश,बंगाल या फिर यूपी-बिहार से मुंबई और गुजरात के बीच चलने वाली ट्रेनें। इन ट्रेन रूट्स पर अक्सर वेटिंग लिस्ट 400 तक पहुंच जाती है और टिकट “रिग्रेट” स्टेटस में आ जाता है।
रेलवे को मिलेगी मदद
रेलवे के मुताबिक एक दिन पहले चार्ट तैयार होने से कोच की संख्या बढ़ाने, क्लोन ट्रेन चलाने और यात्रियों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करने में मदद मिलेगी। जब रेलवे को पहले से यह जानकारी होगी कि कितने यात्री सफर करेंगे और कितने वेटिंग में हैं तो वह उसके अनुसार अपनी योजना बना सकता है। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस नई पहल से मौजूदा टिकट नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। तत्काल टिकट बुकिंग और अन्य रिजर्वेशन नियम पहले जैसे ही रहेंगे।
बीकानेर में मिला था सुझाव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 21 मई को बीकानेर का दौरा किया था, जहां स्थानीय रेलवे अधिकारियों ने उन्हें यह सुझाव दिया था कि चार्ट तैयार करने की समय-सीमा बढ़ाई जाए। रेल मंत्री को यह विचार पसंद आया और उन्होंने तुरंत इसे मंजूरी दी।
और ट्रेनों पर विस्तार
बीकानेर डिविजन में ट्रायल सफल होने के बाद रेलवे अब इसे अन्य डिवीजन में लागू करने की योजना बना रहा है। खासकर उन स्टेशनों और रूट पर जहां वेटिंग लिस्ट ज्यादा रहती है और यात्रियों की भीड़ अधिक होती है। यानी कि रेलवे की यह पहल न केवल यात्रियों के लिए यात्रा की योजना को आसान बनाएगी, बल्कि रेलवे को भी भीड़भाड़ वाली ट्रेनों को मैनेज करने में मदद देगी। अगर यह प्रयोग सफल रहता है, तो आने वाले समय में हर यात्री को कम से कम एक दिन पहले यह जानकारी मिल सकेगी कि उसका टिकट कन्फर्म हुआ या नहीं।