गांवों में मोबाइल वेटनरी यूनिट से होगा पशुओं का उपचार

 गांवों में मोबाइल वेटनरी यूनिट से होगा पशुओं का उपचार

लखनऊ। अब घायल पशु के इलाज के लिए जल्द ही मोबाइल वेटनरी यूनिट शुरू की जाएगी। प्रदेश में अभी इसकी शुरूआत लखनऊ-गोरखपुर मंडल में की गई है। इसके बाद ये गाजियाबाद सहित मेरठ मंडल के जिलों में भी होगी।
मोबाइल वेटनरी यूनिट (एमवीयू) मिलने से ग्रामीण इलाकों में और शहरी क्षेत्र में घायल होने वाले पशुओं और पक्षियों को त्वरित चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।
मोबाइल वेटनरी यूनिट (एमवीयू) घायल जीवों को तत्काल इलाज एवं समय रहते पशु चिकित्सालय तक पहुंचाने का काम करेगी।
तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद पहुंचाएगा पशु चिकित्सालय
मोबाइल वेटनरी यूनिट के रूप में टाटा विंगर गाड़ियों को बनाया गया है। इन गाड़ियों में आधुनिक चिकित्सा उपकरण और दवाइयां उपलब्ध होगी। जिससे घायल जीवों को तत्काल प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें नजदीकी पशु चिकित्सालय तक पहुंचाया जाएगा। यह एमयूवी न केवल घायल पशुओं बल्कि पक्षियों और छोटे जीवों को प्राथमिक उपचार प्रदान करने में सक्षम होगी। प्राकृतिक आपदाओं अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण पशुओं और पक्षियों को चोट लगने या बीमार होने का खतरा रहता है। ऐसी स्थिति में मोबाइल वेटनरी यूनिट्स समय पर उपचार प्रदान करके इनका संरक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इस बारे में पशु चिकित्साधिकारी डॉ.एसपी पांडे ने बताया कि सरकार की ऐसी योजना शुरू करने की अच्छी पहल है। उन्होंने बताया कि ये योजना खासतौर पर उन जिलों में पहले शुरू की जाएगी। जहां पर वन क्षेत्र अधिक हैं। गाजियाबाद में 19 पशु सेवा केंद्र और 18 पशु चिकित्सालय संचालित हैं।