गंगा दशहरा पर पितरों के मोक्ष के लिए घर पर करें ये काम
- दिल्ली राष्ट्रीय हमारी संस्कृति
Political Trust
- June 3, 2025
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Political Trust-नई दिल्ली। गंगा दशहरा के दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। इस दिन पितृ दोष दूर करने के लिए मां गंगा की पूजा की जाती है। गंगा दशहरा पर नहीं कर पाएंगे नदी में स्नान तो पितरों के मोक्ष के लिए घर पर कुछ पूजा पाठ और अनुष्ठान करने से पितृ दोष दूर हो जाएंगे।
हिंदू धर्म में गंगा नदी को मां गंगा कहा जाता है और इस चलते गंगा दशहरा का अत्यधिक महत्व होता है। भागीरथ ने मां गंगा का आवाहन किया था जिसके बाद धरती पर मां गंगा आईं और इस चलते उन्हें भागीरथी कहकर भी पुकारा जाने लगा। माना जाता है कि गंगा दशहरा पर पूरे मनोभाव से पूजा की जाए और दान व स्नान संपन्न किया जाए तो मां गंगा का आशीर्वाद मिलता है। कष्टों के निवारण और पाप धुलने के लिए भी मां गंगा की पूजा की जाती है। गंगा दशहरा पर पितरों का पूजन किया जाता है। मान्यतानुसार गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान करने और पितरों का तर्पण करने की मान्यता है। लेकिन, जो लोग नदी तक जाकर पूजा और तर्पण नहीं कर सकते वे घर में ही कुछ उपाय कर सकते हैं जो पितरों को नाराज होने से रोकते हैं।
इसके लिए बस इतना करना है कि एक बाल्टी लेकर उसमें गंगाजल डालना है और फिर सादा पानी भर लेना है। गंगाजल मिले इस पानी से नहाने के पश्चात काले तिल और सफेद फूल लेकर अपने सभी पितरों का ध्यान लगाना है और ये फूल उनके नाम से अर्पित करने हैं। फूल और तिल को पौधे पर अर्पित किया जा सकता है या फिर छत पर। इसके बाद पितृ चालीसा का पाठ किया जाता है। गंगा दशहरा के दिन यह कार्य करने पर मान्यतानुसार पितरों को मोक्ष मिलता है और पितृ दोष दूर हो जाता है।
मां गंगा के मंत्र का करें जाप
“गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु”
“गंगा गंगेति योब्रूयाद् योजनानां शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोकं स गच्छति”
“ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता”।
इसके लिए बस इतना करना है कि एक बाल्टी लेकर उसमें गंगाजल डालना है और फिर सादा पानी भर लेना है। गंगाजल मिले इस पानी से नहाने के पश्चात काले तिल और सफेद फूल लेकर अपने सभी पितरों का ध्यान लगाना है और ये फूल उनके नाम से अर्पित करने हैं। फूल और तिल को पौधे पर अर्पित किया जा सकता है या फिर छत पर। इसके बाद पितृ चालीसा का पाठ किया जाता है। गंगा दशहरा के दिन यह कार्य करने पर मान्यतानुसार पितरों को मोक्ष मिलता है और पितृ दोष दूर हो जाता है।
मां गंगा के मंत्र का करें जाप
“गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु”
“गंगा गंगेति योब्रूयाद् योजनानां शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोकं स गच्छति”
“ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता”।