परमाणु हमले को भारत ने किया खारिज, सैन्य कार्रवाई पारंपरिक हथियारों तक सीमित

 परमाणु हमले को भारत ने किया खारिज, सैन्य कार्रवाई पारंपरिक हथियारों तक सीमित
नई दिल्ली। भारत ने इस बात पर जोर दिया कि उसकी ओर से की गई सैन्य कार्रवाई में पूरी तरह से पारंपरिक हथियारों का ही इस्तेमाल किया गया था। इसी के साथ भारत ने परमाणु संघर्ष छिड़ने के खतरे की अटकलों को खारिज कर दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी परमाणु संघर्ष टालने का दावा किया था। भारत ने यह भी कहा कि 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक उभरती सैन्य स्थिति पर अमेरिका के साथ हुई किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को कहा कि सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक हथियारों तक सीमित थी। जायसवाल ने कहा, ‘ऐसी कुछ खबरें थीं कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण की बैठक 10 मई को होगी। लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद ही परमाणु हमले की बात से इनकार किया है।’ जायसवाल ने कहा, ‘जैसा आप जानते हैं, भारत का दृढ़ रुख है कि वह परमाणु धमकी के आगे नहीं झुकेगा और न ही इसका हवाला देकर सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों की अनुमति देगा।’ उन्होंने कहा कि भारत सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समर्थन देना बंद नहीं कर देता। जायसवाल ने कहा, ‘भारत का रुख रहा है कि कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाना चाहिए और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।‘ यह बयान तब आया है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की पृष्ठभूमि में आया है।
इस बीच भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अधिकारी को उसकी आधिकारिक स्थिति के अनुरूप काम नहीं करने की वजह से निष्कासित कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अधिकारी को भारत छोड़ने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है।