बुद्ध पूर्णिमा के दिन वरियान और रवि योग का संयोग, जाने स्नान—दान का महत्व
- दिल्ली राष्ट्रीय हमारी संस्कृति
Political Trust
- May 10, 2025
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नई दिल्ली। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर साल वैशाख माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है पंचांग के अनुसार, इस दिन भगवान बुद्ध का सिर्फ जन्म ही नहीं बल्कि इसी तिथि को वर्षों वन में भटकने व कठोर तपस्या करने के पश्चात बोधगया में बोधि वृक्ष नीचे बुद्ध को सत्य का ज्ञान हुआ। इस दिन को वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा पर स्नान-दान के साथ महात्मा बुद्ध के शिक्षाओं के प्रसार-प्रचार का भी बहुत महत्व है।
वैशाख माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत रविवार, 11 मई को रात्रि 8.01 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन यानी 12 मई को रात्रि 10 बजकर 25 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा का पर्व सोमवार 12 मई को मनाया जाएगा। इस बार भगवान गौतम बुद्ध की 2587 वीं जयंती मनाई जाएगी।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन वरियान और रवि योग का संयोग बन रहा है। वहीं इस दिन रवि योग सुबह 5 बजकर 32 मिनट से लेकर 06 बजकर 17 मिनट तक है। इसके अलावा भद्रावास का भी संयोग है जो सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक है। मान्यता है कि इस योग में पवित्र नदियों में स्नान कर भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध की पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु के नौवें अवतार के रूप में देखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक जागरूकता और मानवता के सेवा की प्रेरणा देता है। इस दिन ध्यान, साधना, और करुणा के साथ भगवान बुद्ध की पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन की परेशानियों से उबरने में मदद मिलती है।
वैशाख माह शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत रविवार, 11 मई को रात्रि 8.01 मिनट पर होगी। वहीं तिथि का समापन अगले दिन यानी 12 मई को रात्रि 10 बजकर 25 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा का पर्व सोमवार 12 मई को मनाया जाएगा। इस बार भगवान गौतम बुद्ध की 2587 वीं जयंती मनाई जाएगी।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन वरियान और रवि योग का संयोग बन रहा है। वहीं इस दिन रवि योग सुबह 5 बजकर 32 मिनट से लेकर 06 बजकर 17 मिनट तक है। इसके अलावा भद्रावास का भी संयोग है जो सुबह 09 बजकर 14 मिनट तक है। मान्यता है कि इस योग में पवित्र नदियों में स्नान कर भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध की पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु के नौवें अवतार के रूप में देखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा का दिन आध्यात्मिक जागरूकता और मानवता के सेवा की प्रेरणा देता है। इस दिन ध्यान, साधना, और करुणा के साथ भगवान बुद्ध की पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन की परेशानियों से उबरने में मदद मिलती है।