सेना-संघर्ष की आशंका के बीच केंद्र का बड़ा कदम: राज्यों को नागरिक सुरक्षा अधिकारियों को आपात खरीद की शक्ति देने का निर्देश

 सेना-संघर्ष की आशंका के बीच केंद्र का बड़ा कदम: राज्यों को नागरिक सुरक्षा अधिकारियों को आपात खरीद की शक्ति देने का निर्देश

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे अपने नागरिक सुरक्षा निदेशकों को आपातकालीन खरीद (Emergency Procurement) की शक्तियां प्रदान करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में जरूरी संसाधनों की उपलब्धता में कोई बाधा न आए।

गृह मंत्रालय के अधीन महानिदेशक (फायर सर्विस, सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स) विवेक श्रीवास्तव ने इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि नागरिक प्रशासन की तत्परता और शत्रुतापूर्ण हमलों से बचाव की जिम्मेदारी ‘सिविल डिफेंस एक्ट एंड रूल्स, 1968’ के अंतर्गत आती है।

श्रीवास्तव ने सिविल डिफेंस नियम, 1968 की धारा 11 का हवाला देते हुए कहा कि यह प्रावधान राज्य सरकारों को ऐसी स्थितियों में आवश्यक कदम उठाने का अधिकार देता है जिससे जनता और संपत्ति की रक्षा की जा सके और आवश्यक सेवाएं निरंतर बनी रहें।

पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया कि स्थानीय निकायों की निधियों का उपयोग इन उपायों के लिए किया जाएगा और इन पर अन्य सभी कार्यों से पहले प्राथमिकता दी जाएगी उन्होंने लिखा, “मैं आभारी रहूंगा यदि धारा 11 को लागू कर आपके राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में नागरिक सुरक्षा निदेशक को तत्काल प्रभाव से आपातकालीन खरीद की शक्ति प्रदान की जाए, ताकि सुरक्षात्मक उपायों को तेजी से लागू किया जा सके।”

यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब हाल ही में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।

पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले की कोशिशें भी हुईं, जिन्हें भारतीय सेना ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया।

मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारियों को मजबूत करना चाहती है।