कमांडो की ट्रेनिंग लेकर आतंकियों ने पहलगाम में किया था हमला, पाकिस्तानी SSG ने निभाई अहम जिम्मेदारी
- राष्ट्रीय
Political Trust
- May 6, 2025
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नई दिल्ली। पहलगाम हमले में शामिल आतंकी कमांडो ट्रेनिंग लेकर आए थे। यह खुलासा जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों से पूछताछ के दौरान हुआ है। हालांकि, इसको लेकर अभी तक आधिकारिक पुष्टि या कोई बयान जारी नहीं किया किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) कमांडो जैसी ट्रेनिंग दी गई थी। 15-20 ऐसे कमांडर कश्मीर घाटी में भी मौजूद हैं, जो विदेशी आतंकियों के छोटे ग्रुप को लीड कर रहे हैं। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, आईएसआई का मकसद भारतीय सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुंचाना है। तीन बड़े हमलों में एसएसजी कमांडो की भूमिका पाई गई है।
गांदरबल जिले के गगनगीर में आतंकी हमले में सात नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। गुलमर्ग के बूटापथरी में आतंकियों ने सेना के काफिले को निशाना बनाया था। इसमें दो जवान बलिदान हुए दो। दो पोर्टर भी मारे गए थे। अब आतंकियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी है।
ओजीडब्ल्यू नेटवर्क को निशाना बना रही सुरक्षा एजेसियां
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों को मिले अहम सुराग के आधार पर पहलगाम हमले में एसएसजी कमांडो की भूमिका सामने आई है। अब जांच एजेंसियों का फोकस एसएसजी ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले इन आतंकी कमांडरों की तलाश पर है, जो घाटी में बड़ा खतरा बन सकते हैं। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी मददगारों (ओजीडब्ल्यू) के नेटवर्क को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, ताकि आतंकी सरगनाओं तक पहुंचा जा सके।
गांदरबल जिले के गगनगीर में आतंकी हमले में सात नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। गुलमर्ग के बूटापथरी में आतंकियों ने सेना के काफिले को निशाना बनाया था। इसमें दो जवान बलिदान हुए दो। दो पोर्टर भी मारे गए थे। अब आतंकियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी है।
ओजीडब्ल्यू नेटवर्क को निशाना बना रही सुरक्षा एजेसियां
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों को मिले अहम सुराग के आधार पर पहलगाम हमले में एसएसजी कमांडो की भूमिका सामने आई है। अब जांच एजेंसियों का फोकस एसएसजी ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले इन आतंकी कमांडरों की तलाश पर है, जो घाटी में बड़ा खतरा बन सकते हैं। इसको लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकी मददगारों (ओजीडब्ल्यू) के नेटवर्क को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, ताकि आतंकी सरगनाओं तक पहुंचा जा सके।