भारत ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है: हरदीप सिंह पुरी

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत अब ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक निर्णायक कदम बढ़ा चुका है। उन्होंने इसे भारत के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी पहल बताया।
Nimmi Thakur, नई दिल्ली।
भारत ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने राजधानी दिल्ली के एक होटल में आयोजित OALP राउंड-IX और DSF-IV हस्ताक्षर समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह पहल भारत के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम है।

OALP राउंड-IX में 1.36 लाख वर्ग किमी क्षेत्र कवर, DSF-IV में 60 बोलियाँ प्राप्त
OALP राउंड-IX के अंतर्गत देश की आठ प्रमुख तलछटी घाटियों में फैले 28 ब्लॉकों का आवंटन किया गया है, जो कुल 1.36 लाख वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करता है। खास बात यह है कि इनमें से 38% क्षेत्र पहले “नो-गो” ज़ोन माने जाते थे। वहीं, DSF-IV राउंड में 2 ब्लॉक आवंटित किए गए, जिन्हें 60 बोलियाँ प्राप्त हुईं।
श्री पुरी ने बताया कि 2014 से पहले भारत में केवल 6% क्षेत्र ही अन्वेषण के लिए सक्रिय था, जबकि अब यह 76% तक पहुंच गया है। भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक 1 मिलियन वर्ग किमी क्षेत्र में अन्वेषण का दायरा बढ़ाया जाए।
OALP राउंड-X और DSF राउंड-IV की भी शुरुआत
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि OALP राउंड-X को पहले ही ‘भारत ऊर्जा सप्ताह 2025’ में लॉन्च किया जा चुका है, जिसमें 13 बेसिनों में 25 ब्लॉकों की पेशकश की गई है। इसके साथ ही आज से DSF राउंड-IV की भी शुरुआत हुई है, जिसमें 9 क्षेत्रों में 55 संभावित खोजें शामिल हैं। इनका अनुमानित भंडार 258.59 मिलियन मीट्रिक टन तेल समकक्ष (MMTOE) है।
नवाचार और पारदर्शिता की दिशा में बड़े कदम
श्री पुरी ने बताया कि खोज और उत्पादन को गति व पारदर्शिता देने के लिए राष्ट्रीय डेटा रिपॉजिटरी (NDR) को क्लाउड-आधारित प्लेटफॉर्म पर अपग्रेड किया जा रहा है। इसके अलावा, ₹7,500 करोड़ के निवेश से वैज्ञानिक सर्वेक्षण और भू-आकृतिक डेटा संग्रहण को भी बढ़ावा मिला है।
संशोधित ORDA 1948 कानून लागू, वैश्विक मानकों की ओर अग्रसर भारत
कार्यक्रम में आज से संशोधित ‘ऑयल फील्ड्स (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट, 1948’ (ORDA) को भी लागू कर दिया गया, जिससे भारत का अपस्ट्रीम ढांचा अब वैश्विक मानकों के अनुरूप बन जाएगा।
इसके साथ ही एक संयुक्त कार्य समूह (JWG) की रिपोर्ट भी जारी की गई और पीएनजी नियमों पर सार्वजनिक परामर्श पोर्टल का शुभारंभ भी हुआ।
ऊर्जा नेतृत्व की दिशा में भारत का अग्रसर होना तय: हरदीप सिंह पुरी
कार्यक्रम के समापन पर श्री पुरी ने सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और कहा,
“यह महज़ एक हस्ताक्षर समारोह नहीं, बल्कि भारत की ऊर्जा क्षेत्र में वैज्ञानिक, पारदर्शी और टिकाऊ विकास की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। ये सभी पहल भारत को वैश्विक ऊर्जा नेतृत्व की दिशा में ले जाएंगी।”
इस अवसर पर केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव श्री पंकज जैन, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।